रायपुर. छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर की जा रही धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव भी लगातार किया जा रहा है. खाद्य विभाग द्वारा जिन जिलों में राइस मिलों की संख्या कम होने के कारण मिलिंग क्षमता कम है और आवक ज्यादा हैं, वहां अन्य जिलों के राइस मिलरों को जोड़ा गया है. जिससे कि कस्टम मिलिंग का काम तेजी से हो सके. प्रदेश में अब तक उपार्जित 19.39 लाख मीट्रिक टन धान में से लगभग 16.08 लाख मीट्रिक टन धान का डीओ जारी किया गया है. इनमें से 10 लाख मीट्रिक टन से भी ज्यादा धान का उठाव समितियों से किया जा चुका है.

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में उपार्जित धान के त्वरित उठाव और निराकरण के लिए मिल पंजीयन के संबंध में दिशा-निर्देश भी राज्य सरकार द्वारा धान खरीदी प्रारंभ होने के पहले ही 27 सितंबर 2022 को प्रसारित कर धान के उठाव, निराकरण और कस्टम मिलिंग के लिए मिलों के पंजीयन और अनुमति, अनुबंध का कार्य भी धान उपार्जन प्रारंभ होने के साथ ही शुरू कर दिया गया था. चालू सीजन में अब तक लगभग 1949 मिलों के पंजीयन की कार्रवाई की गई है. अब तक उपार्जित 19.39 लाख मीट्रिक टन धान के खिलाफ लगभग 153.10 लाख मीट्रिक टन धान की मिलिंग अनुमति और 149.18 लाख मीट्रिक टन धान का अनुबंध जारी किया जा चुका है.

अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में पूरे खरीफ वर्ष में अनुमानित धान उपार्जन की मात्रा से भी ज्यादा मात्रा में मिलिंग की अनुमति और अनुबंध जारी किया जा चुका है. साथ ही प्रदेश में उपार्जित धान के उठाव के लिए डीओ जारी करने के साथ धान के उठाव का काम भी शुरू किया जा चुका है. प्रदेश में अब तक उपार्जित 19.39 लाख मीट्रिक टन धान में से लगभग 16.08 लाख मीट्रिक टन धान का डीओ जारी किया जा चुका है, जो उपार्जित धान का लगभग 83 प्रतिशत है. जारी डीओ के विरूद्ध 10 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान का उठाव समितियों से किया जा चुका है, जो जारी डीओ का लगभग 63 प्रतिशत है. विगत एक हफ्ते में प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 1.18 लाख मीट्रिक टन के दैनिक औसत से 8.30 लाख मीट्रिक टन धान का डीओ जारी किया गया है. इसी तरह हर दिन करीब 87 हजार मीट्रिक टन के औसत से 6.06 लाख मीट्रिक टन धान का समितियों से सीधे मिलरों द्वारा उठाव हुआ है.

बता दें कि प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पंजीकृत किसानों से धान उपार्जन के लिए इस साल लगभग 25.91 लाख किसानों के 31.81 लाख हेक्टेयर रकबे का पंजीयन किया गया है, जो राज्य बनने के बाद से अब तक का सर्वाधिक पंजीयन है. प्रदेश में अब तक लगभग 5.42 लाख किसानों से कुल 19.39 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया जा चुका है.

कम मिलिंग क्षमता के जिलों में धान उठाव के लिए मिलर्स संलग्न

खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़-चौकी और राजनांदगांव जिले में धान के तेजी से उठाव और कस्टम मिलिंग के लिए जांजगीर, सक्ती, सारंगढ़-बिलाईगढ़, दुर्ग, धमतरी और रायपुर के राइस मिलरों को संलग्न किया गया है. इसी तरह कवर्धा जिले में धान के तेजी से उठाव और कस्टम मिलिंग के लिए बिलासपुर, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, कोरबा, दुर्ग और रायपुर के राइस मिलरों को संलग्न किया गया है.

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