सनातम धर्म में एकादशी का व्रत अत्यंत ही शुभ और पुण्यदायी माना गया है. सामान्य तौर पर प्रतिमाह माह दो ही एकादशियां आती हैं. जिसमें से एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में आती है, लेकिन इस बार दिसंबर 2025 भक्तों के लिए खास होने वाला है. इस महीने तीन-तीन शुभ एकादशी तिथि पड़ने जा रही हैं. ऐसा संयोग बहुत कम देखने को मिलता है. इसलिए श्रद्धालुओं के लिए यह महीना आध्यात्मिक साधना और ईश्वर भक्ति का विशेष अवसर लेकर आ रहा है. तीनों एकादशी में मोक्षदा एकादशी, सफला एकादशी और पौष पुत्रदा एकादशी का अपना ही अलग महत्व बताया गया है. हर एकादशी विशेष फल प्रदान करने वाली होती है.

मोक्षदा एकादशी (1 दिसंबर)

मार्गशीर्ष माह की शुल्क पक्ष की मोक्षदा एकादशी आत्मा को पापों से मुक्त और मोक्ष देने वाली मानी जाती है. पौराणिक कथाओं में इसका विशेष वर्णन राजा वैखानस की कथा से भी जोड़ा है, जिन्होंने इस एकादशी का व्रत कर अपने पिता को नरक से म़ुक्ति दिलाई थी. इस तिथि की शुरुआत 30 नवंबर रात 9.29 मिनट से होगी जो 1 दिसंबर शाम 7.01 बजे तक रहेगी.

पूजा-पाठ का मुहूर्त

  • प्रात: 6.56 बजे से लेकर 8.15 बजे तक रहेगा.
  • व्रत का पारण 2 दिसंबर को शाम 6.57 बजे से रात 9.03 बजे तक रहेगा.

सफलता एकादशी (15 दिसंबर)

सफला एकादशी को लेकर मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से उतना पुण्यमिलता है जितना हजारों वर्षों की तपस्या से प्राप्त होता है. सफला एकादशी जीवन में सफलता और मनोकामनाओं की सिद्धि दिलाने वाला दिन भी है. इन दिन भक्ति के साथ रात्रि जागरण व्रत को और अधिक फलदायी बना देगा. इस तिथि की शुरुआत 14 दिसंबर शाम 6.49 बजे से होगी जो 15 दिसंबर रात 9.19 बजे तक रहेगी.

पूजा-पाठ का मुहूर्त

  • प्रात: 7.06 बजे से लेकर 8.24 बजे तक रहेगा.
  • व्रत का पारण 16 दिसंबर को सुबह 7.7 बजे से रात 9.11 बजे तक रहेगा.

पौष पत्रदा एकादशी (30 दिसंबर)

संतान सुख और संतान की सुख-समृद्धि की कामना रखने वाले लोगों के लिए पौष पत्रदा एकादशी विशेष रूप से शुभ मानी जाती है. इसके साथ ही यह पितृदोष से मुक्ति और पापों के नाश में भी अत्यंत प्रभावी मानी जाती है. इस तिथि की शुरुआत 30 दिसंबर, सुबह 7.50 बजे से होगी जो 31 दिसंबर सुबह 5.00 बजे तक रहेगी.

पूजा-पाठ का मुहूर्त

  • प्रात: 9.49 बजे से लेकर 11.06 बजे तक रहेगा.
  • व्रत का पारण 31 दिसंबर को दोपहर 1.26 बजे से दोपहर 3.31 बजे तक रहेगा.