इस वर्ष आस्था का एक अद्भुत और दुर्लभ संयोग बन रहा है. 12 अप्रैल को शनिवार के दिन हनुमान जयंती और 27 मई को मंगलवार को शनि जयंती मनाई जाएगी. यह दोनों दिन क्रमशः हनुमान जी और शनि देव के प्रिय वार माने जाते हैं, जो इस योग को विशेष और पावन बनाता है.

यह एक अत्यंत शुभ संयोग है, क्योंकि हनुमान जी और शनि देव के बीच एक विशेष संबंध माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार, हनुमान जी ही शनि देव के कष्टों से रक्षा करने वाले देवता हैं.

Also Read This: Mahavir Jayanti 2025: सत्य, अहिंसा और संयम का पर्व, 10 अप्रैल को मनाया जाएगा भगवान महावीर का जन्मोत्सव…

पुराणों के अनुसार

शनि देव स्वयं हनुमान जी के परम भक्त हैं. रावण की कैद से मुक्ति दिलाने के बाद शनि देव ने वचन दिया था कि जो भी हनुमान जी की आराधना करेगा, उसे उनके क्रूर प्रभाव से राहत मिलेगी. यही कारण है कि शनि दोष या साढ़े साती से पीड़ित लोग हनुमान जी की भक्ति में लीन रहते हैं.

विशेष पूजा-पाठ के लिए अत्यंत फलदायी संयोग

इस वर्ष हनुमान जयंती शनिवार को और शनि जयंती मंगलवार को आना वर्षों में एक बार बनने वाला दुर्लभ संयोग है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह योग विशेष पूजा-पाठ, तंत्र, मंत्र और तपस्या के लिए अत्यंत फलदायी और सिद्धिप्रद रहेगा.

Also Read This: Vastu Shastra: हर किसी के लिए दक्षिण मुखी मकान अशुभ नहीं होता, इन लोगों के लिए हो सकता है बहुत शुभ…