कोलकाता. रसगुल्ले का नाम सुनकर हर किसी की जबान पर पानी आ जाता है. बरसों से हमारी औऱ आपकी जबान का स्वाद बढ़ाने वाला पकवान रसगुल्ला 150 साल का हो गया है. रसगुल्ले के इस गौरवशाली इतिहास पर अब देश का डाक विभाग डाक टिकट जारी करने का प्लान बना रहा है.

दरअसल रसगुल्ले की खोज करने वाले या यूं कहें कि सबसे पहले रसगुल्ला बनाने वाले बंगाल के दिवंगत रसगुल्ला कारीगर नोबिन चंद्र दास पर विशेष कवर डाक विभाग लाने की योजना बना रहा है. दरअसल, नोबिन चंद्र दास ही वो शख्स थे जिन्होंने 19 वीं शताब्दी में रसगुल्ले की खोज की थी. जानकारी के मुताबिक ये साल रसगुल्ले की खोज का 150वां साल है.

बस इसी 150वीं सालगिरह पर डाक विभाग ने इस लोकप्रिय मिठाई को जन-जन तक पहुंचाने के मकसद से डाक टिकट जारी करने का फैसला लिया. खास बात ये है कि पश्चिम बंगाल ने पिछले साल ही इस मिठाई के लिए भौगोलिक पहचान या जीआई टैग हासिल किया था.

वैसे रसगुल्ले को ये सम्मान बख्शे जाने के बाद रसगुल्ला प्रेमी बेहद खुश हैं क्योंकि उनकी मनपसंद मिठाई डाकटिकटों के जरिए अपनी गाथा पूरी दुनिया के लोगों तक पहुंचाएगी. तो आप भी रसगुल्ला प्रेमी हैं तो आपके लिए भी ये खबर किसी खुशखबरी से कम नहीं होगी.