Ratan Tata: टाटा समूह के चेयरमैन एमेरिटस रतन टाटा का निधन बुधवार, 9 अक्टूबर को मुंबई के एक अस्पताल में हुआ. उनके करीबी सहयोगी और मित्र सुहेल सेठ ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए बताया कि रतन टाटा एक अनोखे व्यक्ति थे, जिनकी शालीनता, गरिमा और करुणा ने हर भारतीय के जीवन पर गहरा प्रभाव डाला.
आंसू रोकते हुए सेठ ने कहा, “कोई दूसरा Ratan Tata नहीं होगा. वे एक अलग तरह के इंसान थे. आज हर भारतीय प्रभावित है… मैं उन्हें महान शालीनता और करुणा के साथ याद रखूंगा.” उन्होंने रतन टाटा की महानता को उनके साहस, धैर्य और देश के प्रति प्रेम के गुणों के माध्यम से दर्शाया, जो अनगिनत लोगों को प्रेरित करते रहे.
सेठ ने कहा, “यह इस बारे में नहीं है कि रतन टाटा ने व्यवसाय में क्या हासिल किया, बल्कि यह उनकी मानवता और उनके द्वारा प्रदान की गई प्रेरणा है. उन्होंने भारत में एक महान विरासत छोड़ी है.”
सुहेल सेठ ने रतन टाटा के अनोखे चरित्र की मिसालें साझा कीं, जिसमें उनका सभी के प्रति सम्मान और विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों की सहायता का प्रयास शामिल था. उन्होंने बताया कि कैसे टाटा ने ताज होटल में सभी लिफ्टों में ब्रेल अक्षर लगाने का निर्देश दिया, जिससे विकलांग व्यक्तियों के लिए सुविधाएं अधिक सुलभ हो गईं.
सेठ ने यह भी साझा किया कि रतन टाटा के व्यक्तित्व में हास्य और व्यंग्य का एक अनोखा पहलू था. उन्होंने कहा, “जब वे यात्रा करते थे, तो वे मजेदार और शरारती होते थे. वे एक बेहतरीन नकलची थे.”
उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि रतन टाटा भारत रत्न के हकदार हैं, और उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा.
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