Rath Yatra 2025: गरियाबंद। देवभोग में 124 साल से चली आ रही प्राचीन परम्परा का निर्वहन आज भी देवभोग में किया गया. जगन्नाथ मंदिर से भगवान आज बाहर निकले. कहा जाता है कि अपने भक्तों की पीड़ा हरने पतित पावन भगवान जगन्नाथ अपने मौसी के घर जाने के बहाने निकलते हैं. रथ में सवाल महाप्रभु के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी थी. रथ खींचने से ग्रह दोष कटने की मान्यता है,इसलिए सैकडो श्रद्धालु रथ खींच कर उन्हें मौसी घर तक पहुंचाया गया. दुर्गा मंदिर में अस्थाई गुंडीचा मंदिर बनाया गया था.  जहा भगवान का आत्मीय स्वागत किया गया. 

बोल कालिया की धुन पर झूमे भक्त

अमललिपदर में भगवान जगन्नाथ जी को रथारुढ़ करते वक्त का दृश्य सबसे मोहक होता है.  मंदिर पुजारी पंडित युवराज पांडेय जब अपने कंधे में कालिया को लेकर मंदिर से बाहर निकलते है. मौजूद हुजूम बोल कालिया की धुन पर झूम उठता है. मंदिर द्वार से रथ  पहुंचने तक झूमने का सिलसिला घंटे भर तक चला. फिर भगवान को बाजार चौक में स्थित अस्थाई गुंडीचा मंदिर तक पहुंचाया गया. गुंडीचा मंदिर पंडाल पूरी के गुंडीचा के तर्ज पर बना हुआ है. 

दर्शन करने पहुंचे पूर्व सीएम भूपेश बघेल

जिले के अमलीपदर में प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित युवराज पांडेय के नेतृत्व में होने जा रहे रथ यात्रा महोत्सव में शामिल होने प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री पहुंचे. उनके साथ 5 अन्य विधायक और कई कांग्रेस के नेता गण मौजूद थे. भूपेश बघेल ने  श्री मंदिर में भगवान जगन्नाथ के सामने मत्था टेक आशीर्वाद लिया. अमली पदर पहुंचने से पहले  जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम और जनपद सदस्य तपेश्वर ठाकुर के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने पूर्व सीएम का जोरदार स्वागत किया. यहां श्रद्धालु बोल कालिया के धुन पर घंटों थिरकते रहे.