सनातन धर्म में सप्तमी तिथि को रथ सप्तमी (Ratha Saptami) मनाने का विशेष महत्व है. इस आरोग्य सप्तमी भी कहा जाता है. ये वही दिन है जब कश्यप ऋषि और अदिति के संयोग से भगवान सूर्य का जन्म हुआ था. इसलिए इस दिन को सूर्य देव के जन्म दिवस के रूप में भी जाना जाता है. इस साल रथ सप्तमी 16 फरवरी यानी आज मनाई जा रही है.

बता दें कि इस दिन पूजा और उपवास से आरोग्य व संतान की प्राप्ति होती है, इसलिए इसको आरोग्य सप्तमी और पुत्र सप्तमी भी कहा जाता है. इसी दिन से सूर्य के सातों घोड़े उनके रथ को वहन करना प्रारंभ करते हैं, इसलिए इसे रथ सप्तमी (Ratha Saptami) भी कहते हैं. मान्यता है कि इसी दिन से गर्मी की शुरुआत हो जाती है. इस दिन स्नान-दान का विशेष महत्व माना गया है. Read More – ‘मरने के बाद’ जिंदा हुई Poonam Pandey, Video आया सामने …

रथ सप्तमी की पूजा आराधना

रथ सप्तमी (Ratha Saptami) पर स्नानादि के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहने और सूर्य देव को जल अर्पित करें. घर के बाहर या मध्य में सात रंगों की एक रंगोली बनाएं. मध्य में चार मुख वाला दीपक रखें और चारों मुखों को प्रज्ज्वलित करें. लाल पुष्प और शुद्ध मीठा पदार्थ अर्पित करें. गायत्री मंत्र या सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें. जाप के बाद गेहूं, गुड़, तिल, ताम्बे का बर्तन और लाल वस्त्र का दान करें. घर के प्रमुख के साथ-साथ सभी लोग भोजन ग्रहण करें.

सूर्य देव को अर्घ्य देने के नियम

रथ सप्तमी (Ratha Saptami) पर उगते हुए सूर्य को या सूर्योदय के आधे घंटे के अंदर जल चढ़ाना श्रेष्ठ होता है. बेहतर होगा कि सादा जल अर्पित करें और ऐसे स्थान से करें जहां से वह पौधों में जा सके. पीतल या ताम्बे के लोटे से ही जल अर्पित करें. जल अर्पित करते समय सूर्य देव की वंदना करें. जल अर्पित करने के बाद भगवान सूर्य का ध्यान करें. फिर आज्ञा चक्र और अनाहत चक्र पर तिलक लगाएं. Read More – Ekta Kapoor ने Ankita Lokhande को दिया बड़ा ऑफर! Bigg Boss के बाद इस सीरियल में आ सकती हैं नजर …

रथ सप्तमी श्लोक का महत्व

रथ सप्तमी श्लोक एक शक्तिशाली मंत्र है. जिसका जप रथ सप्तमी (Ratha Saptami) के दिन करना अत्यंत शुभ माना जाता है. अगर आप सूर्य देव की विशेष कृपा पाना चाहते हैं, तो भक्तिपूर्वक इसका जाप करें.