पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में राशन सॉर्टेज का मामला उजागर हुआ है. यहां थोड़ा बहुत नहीं, बड़ी तादाद में हेरफेर हुई है. गरियाबंद के 3 ब्लॉक के 132 राशन दुकान और 13 हजार क्विंटल चावल गायब है. इस मामले की भनक खाद्य विभाग को लगते ही पैरों तले जमीन खिसक गई. आनन फानन में खाद्य विभाग ने राशन सोर्टेज की रकम 3 करोड़ की वसूली के लिए तहसीलों में राजस्व वसूली प्रकरण दर्ज कराया. इन सबके बीत कुछ जगहों पर पर्दा डालने की भी साजिश रची गई है.
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, राशन सोर्टेज का मामला विधानसभा सत्र में उठने के बाद अब प्रशासन भी हरकत में आ गया. देवभोग, मैनपुर और छुरा के कुल 132 राशन दुकानों में सोर्टेज की रकम 3 करोड़ से ज्यादा थी, जिसकी वसूली के लिए खाद्य विभाग ने संबंधित न्यायलय में राजस्व वसूली प्रकरण दर्ज कराया है. जिला खाद्य अधिकारी सुधीर गुरु ने बताया कि नवंबर 2022 में जिले के 354 राशन दुकानों में वित्तीय वर्ष 2016से 2022 तक आबंटित राशन का भौतिक सत्यापन कराया गया था.
इस सत्यापन में कुल 17हजार क्विंटल राशन का सोर्टेज पाया गया था. विभागीय नोटिस के बाद 3500 क्विंटल की भरपाई कुछ दुकानों के सेल्समैन ने कर दिया था, लेकिन 132 दुकानों में लगभग 13500 क्विंटल का बकाया शेष रह गया है. वसूली बाजार भाव में करना होता है, ऐसे में वसूली की रकम 3 करोड़ से ज्यादा है.
इसमें से छुरा में 8, मैनपुर में 70 व देवभोग में 54 दुकानों के सेल्समैन के विरूद्ध वसूली प्रकरण दर्ज कराया गया है. खाद्य अधिकारी ने कंट्रोल आर्डर के हवाले से बताया कि ऐसे मामलों में बाजार भाव तय कर राजस्व वसूली प्रकरण दर्ज कराने का निर्देश है.
देवभोग में होगी सवा करोड़ की वसूली
देवभोग एडीएम अर्पिता पाठक ने खाद्य विभाग द्वारा दिए आंकड़े के हवाले बताया कि यहा के 54 दुकान में 2880.76 क्वी चावल, 209.37क्वी शक्कर के अलावा 247.74 क्विंटल नमक भी सोर्टेज की लिस्ट में शामिल है. देवभोग तहसील के 54 दुकानों से 1करोड़ 15 लाख, 40 हजार की वसूली का प्रकरण दर्ज है.
मैनपुर के मामले में पर्दा क्यों ?
सबसे ज्यादा वसूली मैनपुर विकास खंड के 70 दुकानों से होना है. यहां लगभग पौने 2 करोड़ की वसूली है. खाद्य विभाग ने प्रकरण दर्ज कराने एडीएम मैनपुर को ब्यौरा भी सौप दिया है. मैनपुर एस डीएम हितेश पिस्दा से जब मामले की जानकारी चाही गई तो उन्होंने दो टूक में कह दिया फूड इंस्पेक्टर ने दर्ज कराया है, तो जानकारी उसी से पूछ लो, जब फूड निरीक्षक आरती यादव से बात की गई तो उन्होंने जानकारी 1 मिनट बाद देना बताकर फोन कट कर दिया.
हालांकि मैनपुर तहसीलदार वसीम सिद्दीकी और अमलीपदर तहसीलदार आर केवर्त ने वसूली प्रकरण दर्ज कर नोटिस जारी करने की पुष्टि कर दी है. बता दें कि मैनपुर के दुकानों में वहां के वेयर हाउस से द्वारा प्रदाय योजना के तहत राशन भंडारण के दरम्यान भारी गड़बड़ी का मामला सामने आया था.
परिवहन के लिए लोड होने के बाद कुछ गिरोह के द्वारा राशन में अफरातफरी का मामला प्रकाश में आया था. मामले में कार्रवाई तो नहीं हुई, लेकिन मैनपुर के दूरस्थ दुकानों से भंडारण के लिए देवभोग वेयर हाउस को अधिकृत कर दिया गया. दुकानों में कम वजन के चावल बोरे मिलने की शिकायत भी सेल्समैन करते रहे पर खाद्य विभाग व अन्य जिम्मेदारो ने ध्यान नहीं दिया. सोर्टेज का एक बड़ा कारण इसी अफरातफरी को भी माना जा रहा है. यही वजह है कि जवाबदार मामले पर पर्दा डालने कि कोशिश कर रहे हैं.
सेल्समैन यूनियन का तर्क, नेटवर्क समस्या बड़ी वजह
सेल्समैन यूनियन के ब्लॉक अध्यक्ष सचिन तांडिया ने बताया कि दूरस्थ व पिछड़े इलाके में नेटवर्क की भारी समस्या थी. वितरण के साथ साथ आबंटन मात्रा तत्काल टेबलेट व पोस मशीन में अपलोड करना था, जो सर्वर डाउन के कारण नहीं हो रहा था. राशन देने के बाद भी ऑनलाइन मात्रा में कटौती नहीं हो रही थी.
मॉनिटरिंग करने वाली संचनालय पिछले 4 साल से बचत मात्रा ऑनलाइन देख रही थी. इन चार सालों में कभी नहीं बोला गया. वितरण में गड़बड़ी होती तो उपभोक्ताओं से भी शिकायत होती पर ऐसा भी नहीं हुआ. मौखिक निर्देश देकर कोरोना कोल में भी ऑफ लाइन राशन वितरण करवा दिया गया. यह मात्रा भी नहीं काटा गया. भंडारण के दरम्यान कम वजन की शिकायत पर भी सुनवाई नहीं हुई. अपना पक्ष तहसील न्यायलाय में रखेंगे। नहीं हुआ तो हाईकोर्ट तक जाएंगे.
सिस्टम की लापरवाही, ठिकरा विक्रेताओं पर
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की निगरानी के लिए 2016 से राशन का वितरण टेबलेट के जरिए किया गया. एनआईसी इसकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग करता था. टेबलेट से वितरण 2020 तक चला, फिर ई पोस मशीन से मॉनिटरिंग अपग्रेड कर दिया गया. हालांकि तब भी डेटा एन आईसी की निगरानी में था. नियमतः वितरण के बाद अगर राशन बचत ऑनलाइन दिखाया जा रहा था तो भंडारण का मात्रा प्रति माह अपडेट करना था. एनआईसी संचनालय को रिपोर्ट करता था. ऐसे में लापरवाही एनआईसी व संचनालय के बीच हुई. मामले का भांडा फूटा तो 2016से 2020 का सारा डाटा एनाआइसी ने मॉनिटरिंग करने वाले विभाग के कहने पर डिलीट कर दिया है.
लापरवाही की हद
विभाग ने पिछला बचत बकाया बताकर जनवरी 2023 से अप्रैल तक के राशन में कटौती कर भरपाई करने की कोशिश की. इस कटौती का असर सीधे उपभोक्ताओं पर पड़ने लगा. आधा अधूरा वितरण से उपभोक्ता हलाकान होने लगे. इन चार माह में प्रत्येक दुकान से सोर्टेज राशन का 5फीसदी मात्रा काट कर भेजा गया था, लेकिन दर्ज कराए गए वसूली प्रकरण में काटे गए राशन की मात्रा का समायोजन तक नहीं किया गया.
विक्रेता संघ का दावा है की दिखाया जा रहा सोर्टेज का आंकड़ा गलत है. सही होता तो डेडा डिलीट क्यों किया गया. अब मामले में विक्रेता संघ आरपार की लड़ाई लड़ने की रूपरेखा बना लिया है. आगामी 3 अप्रैल को छत्तीसगढ़ शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालक विक्रेता कल्याण संघ, राजधानी के सिंधी धर्मशाला में प्रदेश स्तरीय विशाल बैठक का आयोजन करने जा रही है.
- Atal Bihari Vajpayee 100th Birthday: ग्वालियर का वह स्कूल जहां अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी पढ़ाई, आज भी सहेज का रखा है अटेंडेंस रजिस्टर, पूर्व PM की पूजा के बाद लगती है कक्षाएं
- योगी के बयान पर भड़के अजय राय, बोले- देश सच जानता है, अमित शाह को इस्तीफा देना पड़ेगा
- CG Weather News : छत्तीसगढ़ के इन इलाकों में होगी बारिश, राजधानी में छाए रहेंगे बादल
- Iqra Hasan Marriage: बला की खूबसूरत सांसद इकरा हसन चौधरी करने वाली हैं शादी, जानें कैसा होगा इनके सपनों का राजकुमार, कैमरे पर दे दिया जवाब
- Bihar Weather: अब बिगड़ने वाला है मौसम, बारिश-ठंड को लेकर आया नया अपडेट
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें,
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक