आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। बस्तर में सरकारी राशन पाने वाले हजारों परिवारों के सामने अब बड़ा संकट खड़ा हो गया है। अगले महीने से ऐसे हितग्राही, जिन्होंने अभी तक ई-केवाईसी नहीं कराया है, उन्हें राशन नहीं मिलेगा। आंकड़े बताते हैं कि यह संख्या बेहद बड़ी है और इसका सीधा असर आम गरीब परिवारों पर पड़ने वाला है।

बस्तर जिले में पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के तहत लाखों लोगों को हर महीने सरकारी अनाज मिलता है, लेकिन अब वही सुविधा हजारों परिवारों के हाथ से छिनने की कगार पर है। जिले में कुल 8 लाख 23 हजार 610 हितग्राही राशन कार्ड में दर्ज हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 6 लाख 72 हजार लोगों ने ही अब तक ई-केवाईसी पूरा किया है। बाकी के लगभग 1 लाख 25 हजार लोग अब भी प्रक्रिया से बाहर हैं और चेतावनी साफ है अगर जल्द ई-केवाईसी नहीं हुआ तो अगले महीने से इन्हें एक दाना भी सरकारी अनाज नहीं मिलेगा।

खाद्य विभाग के मुताबिक ई-केवाईसी अनिवार्य इसलिए किया जा रहा है ताकि फर्जी लाभार्थियों को हटाया जा सके और वास्तविक जरूरतमंदों तक सरकारी अनाज पहुंच सके। लेकिन सवाल ये भी है कि क्या अंदरूनी इलाकों में रहने वाली ग्रामीण आबादी को इस बदलाव की जानकारी समय पर मिल पाई है?

विभाग का दावा है कि निर्धारित समयसीमा में शत-प्रतिशत ई-केवाईसी पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन जमीनी हकीकत बताती है कि अब भी बड़ी संख्या में ग्रामीण तकनीकी प्रक्रिया और डॉक्यूमेंटेशन के चलते असमंजस में हैं।

जिला खाद्य अधिकारी घनश्याम राठौर ने बताया कि विभाग से राशन कार्डधारियों का ई-केवाईसी करने के निर्देश मिले हैं। पांच साल से कम उम्र के सदस्यों को छोड़कर लगभग 1,25,000 सदस्यों का केवाईसी होना बचा है। इन्हें अगले 10 दिनों के भीतर पूरा करने के आदेश दिए गए हैं और सभी को इसके संबंध में सूचित भी कर दिया गया है। उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से वहां सूची प्रदर्शित है। तो सभी कार्डधारियों से भी अपील है कि जिनके परिवार में किसी सदस्य का केवाईसी बचा हो, वे अपने नजदीकी राशन दुकान में उपस्थित होकर अपने आधार कार्ड के साथ पहुंच जाएं और वहां पर अपना केवाईसी करवा लें। अभी जो बचा हुआ है, वह हमारे कार्ड में लगभग 8 लाख सदस्य हैं, तो उसमें से साढ़े 6 लाख के करीब 6,65,000 का केवाईसी हो चुका है और लगभग 1,25,000 का बचा हुआ है। अंतिम तिथि अभी विभाग ने हमें 10 तारीख तक बताई है।