सुशील खरे, रतलाम। मध्यप्रदेश नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का बड़ा बयान सामने आया हैं। उन्होंने मालेगांव बम ब्लास्ट को लेकर कांग्रेस नेत्री सोनिया गांधी पर गंभीर आरपो लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के कहने पर मालेगांव ब्लास्ट की साजिश रची गई थी। वहीं मंत्री ने कहा कि कानूनी जानकारों की मदद से लेकर कांग्रेस के खिलाफ बड़ा कदम उठाएंगे।
दरअसल, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय रविवार को रतलाम जिले के दौरे पर पहुंचे। जहां उन्होंने जावरा में आयोजित अमृत महोत्सव के तहत नगर पालिका के कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने नवनिर्मित 2 टंकियां का शिलान्यास और करोड़ों के निर्माण कार्य का उद्घाटन किया।
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वहीं मीडिया से चर्चा करते हुए मालेगांब बम ब्लास्ट को लेकर बड़ा बयान दिया। मंत्री कैलाश ने कहा कि मालेगांव ब्लास्ट में साध्वी प्रज्ञा के साथ-साथ इंदौर के भी एक संघ के बड़े नेता के साथ में बहुत प्रताड़ना की गई। सभी को झूठे केस में फंसाया गया। यह सब कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी के इशारे पर हुआ।
उन्होंने सीधे सोनिया गांधी पर अटैक करते हुए कहा कि इस प्रकार का जो कृत्य कांग्रेस ने भगवा को बदनाम करने के लिए किया है इस पर समय तो सजा देगा ही साथ ही हम कानून जानकारी से सलाह लेकर इन सभी षड्यंत्र कार्यों के खिलाफ एक्शन लेंगे।
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क्या था पूरा मामला
गौरतलब है कि 29 सितंबर 2008 में रमजान के महीने में महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में मस्जिद के पास एक बड़ा बम धमाका हुआ था। जिसमें 6 लोगों की जान चली गई थी। वहीं 100 से ज्यादा घायल हुए थे। ब्लास्ट इतना जबरदस्त था कि आसपास के कई मकान और दुकानें भी क्षतिग्रस्त हो गई थीं। इसके तुरंत बाद महाराष्ट्र एटीएस ने जांच शुरू की। इस मामले में कई गिरफ्तारियां हुईं थी। मालेगांव ब्लास्ट के मुख्य आरोपियों में भोपाल से बीजेपी सांसद रहीं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और भारतीय सेना के सेवारत अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित का नाम प्रमुख था।
इनके अलावा रमेश शिवाजी उपाध्याय (रिटायर मेजर), समीर शरद कुलकर्णी, अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी और सुधाकर चतुर्वेदी को भी आरोपी बनाया गया था। 17 साल बाद गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत ने सभी सातों आरोपियों को बरी कर दिया है। इसके साथ ही विस्फोट के सभी छह पीड़ितों के परिवारों को 2-2 लाख रुपए और सभी घायल पीड़ितों को 50,000 रुपए मुआवजे के रूप में दिए जाने का आदेश दिया है।
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