सुशील खरे, रतलाम। मध्य प्रदेश में रतलाम से एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां रेलवे की लापरवाही के कारण एक ग्रामीण को अपनी जान गंवानी पड़ी। रतलाम जिले के भीलखेड़ी गांव के निवासी रतनलाल भाभर की मौत उस समय हो गई जब उन्हें इलाज के लिए रतलाम लाया जा रहा था, लेकिन रेलवे के अंडर ब्रिज में भरे पानी ने उनकी जान बचाने के प्रयासों को नाकाम कर दिया।

पूरा मामला

रतलाम से इंदौर रेलवे लाइन के बीच स्थित ढीकवा, मसावड़िया, भीलखेड़ी और अन्य गांवों का मुख्य मार्ग रेलवे ट्रैक के नीचे बने अंडर ब्रिज से होकर गुजरता है। यह अंडर ब्रिज पांच साल पहले रेलवे क्रॉसिंग बंद करके बनाया गया था, लेकिन यह ब्रिज बारिश के मौसम में ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन गया है। हर मानसून में अंडर ब्रिज में पानी भर जाता है, जिससे ग्रामीणों को जिला मुख्यालय रतलाम पहुंचने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

रविवार की शाम रतनलाल भाभर अपने खेत पर गए थे, लेकिन रात को घर नहीं लौटे। सुबह जब परिजनों को सूचना मिली कि वह खेत पर अचेत पड़े हुए हैं, तो उन्होंने तुरंत उन्हें इलाज के लिए रतलाम लाने का निर्णय लिया। लेकिन रास्ते में अंडर ब्रिज के पास 8 से 10 फीट पानी भरा हुआ था, जिसके कारण उन्हें उस पार ले जाना मुश्किल हो गया।

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बिना किसी विकल्प के परिजनों ने रतनलाल को चारपाई पर डालकर अंडर ब्रिज के पार ले जाने का प्रयास किया। कुछ लोग उन्हें कंधे पर उठाकर पानी के बीच से निकाले, लेकिन उनके सारे प्रयास व्यर्थ साबित हुए। रतलाम के डॉक्टर्स ने रतनलाल को मृत घोषित कर दिया।

रतनलाल के पुत्र ने बताया कि उन्हें अपने पिता को अस्पताल पहुंचाने में हुई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। परिजनों ने रतनलाल का अंतिम संस्कार रतलाम में ही करने का निर्णय लिया। पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार कर परिजन गांव भीलखेड़ी वापस लौटे।

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गांव के लोगों का कहना है कि अंडर ब्रिज में पानी भरने से वे मानसून के दौरान जिला मुख्यालय से कट जाते हैं। इस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने कई बार पंचायत से लेकर उच्च अधिकारियों तक शिकायत की, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है। ग्रामीणों के अनुसार, अंडर ब्रिज के निर्माण के समय ही रेलवे अधिकारियों को इस समस्या के बारे में बताया गया था, लेकिन उनकी अनदेखी का खामियाजा आज गांव वाले भुगत रहे हैं।

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