प्रीत शर्मा, मन्दसौर। कल विजयदशमी का पर्व है। इस दिन पूरे देश में रावण का दहन किया जाता है। वहीं मध्यप्रदेश का एक शहर ऐसा भी है, जहां रावण को दामाद माना जाता है। यहां रावण की पूजा की जाती है।

मध्यप्रदेश के मन्दसौर में दशहरे पर रावण का वध न करते हुए उसे पूजा जाता है। यहां का नामदेव समाज रावण को दामाद मानता है। विजयादशमी के दिन शहर के खानपुरा में बनी रावण की 41 फिट की प्रतिमा की पूजा करते हैं।

ऐसा माना जाता है की  रावण की पत्नी मंदोदरी नामदेव समाज की बेटी होकर मन्दसौर की रहने वाली थी। इसके कारण रावण को मन्दसौर के दामाद का दर्जा दिया गया। विजयादशमी के दिन नामदेव समाज रावण की प्रतिमा के स्थान पर ढोल-धमाके के साथ आता है। यहां समाज के लोग रावण के दाहिने पैर में लच्छा बांधकर उसकी पूजा भी करते हैं। मालवा मे दामाद को विशेष महत्व दिया जाता है।

रावण के पैर में लच्छा बांधने से बुखार हो जाता है ठीक

नामदेव समाज के सचिव राजेश मेड़तवाल ने कहा कि यहां समाज की हर महिला रावण के सामने घूंघट कर ही गुजरती है। मान्यता है कि एक विशेष प्रकार का बुखार आने पर रावण के दाहिने पैर में लच्छा बांधने से वह बुखार भी ठीक हो जाता है। इसके अलावा मनोकामना पूरी होने पर रावण को तरह तरह के भोग भी लगाए जाते है। अब विजयादशमी के अवसर पर यहां हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी दशहरा धूमधाम से मनाया जाएगा।