शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्यप्रदेश में दशहरे पर इस बार बारिश का ग्रहण पड़ता दिखाई दे रहा है. राजधानी भोपाल समेत एमपी के कई जिलों में बारिश हो रही है. जिस कारण रावण दहन के कार्यक्रम से पहले अब आयोजक रावण को बचाते हुए दिखाई दिए. भोपाल में तीन दर्जन से ज्यादा जगहों पर रावण दहन के बड़े कार्यक्रम होने हैं, लेकिन अधिकतर जगहों पर रावण, मेघनाथ, कुंभकरण के पुतले बारिश में गीले हो गए. दहन से पहले रावण को बचाने की कोशिश हो रही है. रावण बनाने वाले कारीगरों पर भी दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. तेज बारिश से पुतले भीग गए हैं, जिससे उन्हें लाखों का नुकसान हुआ है.

हालांकि आयोजकों ने बारिश के दौरान इन पुतलों को बचाने के लिए प्रयास भी किए और उसके ऊपर रेनकोट डाला गया. लेकिन बारिश तेज होने के कारण अधिकतर पुतले गीले हो गए. अब आयोजक वैकल्पिक व्यवस्था करने में जुटे हुए हैं. आयोजकों की कोशिश है कि कार्यक्रम स्थल पर लोग आएंगे, तो उनको निराशा हाथ ना लगे. इसी बात को ध्यान में रखते हुए वक्त रहते वैकल्पिक व्यवस्था में आयोजन करता जुट गए हैं.

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इन जगहों पर होता है सबसे बड़ा आयोजन

भोपाल के टीटी नगर दशहरा मैदान और छोला दशहरा मैदान में शहर के सबसे बड़े कार्यक्रम होते हैं. दोनों जगह ही रावण, कुंभकरण, मेघनाथ गीले हो गए हैं. मौसम विभाग की तरफ से पहले ही अलर्ट जारी किया गया था कि अगले 48 घंटे में भारी बारिश होगी. मौसम विभाग की भविष्यवाणी सही साबित हुई है.

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रावण बनाने वाले कारीगरों पर टूटा दुखों का पहाड़

भोपाल में तेज बारिश के चलते कारीगरों को लाखों का नुकसान हुआ है. उनके पुतले बारिश में भीग गए हैं. बड़ी संख्या में रावण, कुंभकरण और मेघनाथ भीग गए हैं. बेचने के लिए बड़ी संख्या में पुतले बनाए गए थे. दुकानदारों का कहना है कि 10 हजार का रावण अब 1 हजार में भी कोई खरीदने को तैयार नहीं है. इस बार काफी उम्मीदें थी लेकिन सब पर पानी फिर गया. पिछले डेढ़ महीने की मेहनत बर्बाद हो गई.

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