स्पोर्ट्स डेस्क. भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 टेस्ट मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के शुरुआती मुकाबले से पहले कड़ी मेहनत कर रही है. नागपुर में 9 फरवरी से शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच के लिए ऑस्ट्रेलिया की टीम भी सोमवार को यहां पहुंची. इस बीच भारतीय टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने कहा कि, जहां तक तीसरे स्पिनर की बात है तो मैं कुलदीप यादव को खेलते हुए देखना चाहूंगा. रवींद्र जड़ेजा और अक्षर पटेल काफी हद तक एक समान गेंदबाज हैं, लेकिन कुलदीप अलग हैं. मैच के पहले दिन कुलदीप के पास गेंद को सबसे ज्यादा घुमाने की क्षमता है. अगर गेंदबाजों को पिच से ज्यादा मदद नहीं मिली तो उसका महत्व और बढ़ जाएगा.

शास्त्री ने रविचंद्रन अश्विन को अपनी गेंदबाजी में अत्याधिक एक्सपेरिमेंट करने से बचने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि, सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू टीम का प्रदर्शन काफी हद तक अनुभवी स्पिनर अश्विन की फॉर्म पर निर्भर करेगा. हालांकि उसको ‘जरूरत से ज्यादा योजना’ बनाने से बचना चाहिए. अश्विन अगर योजना पर टिके रहे तो यही काफी होगा, वह इन परिस्थितियों में काफी अहम खिलाड़ी है. उनकी फॉर्म इस सीरीज का रुख तय करेगी क्योंकि वह गेंद के साथ बल्ले से भी योगदान देंगे. अगर गेंद को पिच से मदद मिलती है और गेंद घूमती है तो वह ज्यादातर बल्लेबाजों को परेशान करेगा.

कमेंट्री में अपनी अलग पहचान बना चुके शास्त्री ने टीम को मध्यक्रम में मैच का रूख बदलने की क्षमता रखने वाले सूर्यकुमार यादव को रखने की वकालत की. उन्होंने कहा कि, भारत को 12 खिलाड़ियों को तैयार रखना चाहिए और पिच के मिजाज को देखते हुए शुभमन गिल को टीम की योजना का हिस्सा रखना चाहिए. उन्होंने सूर्या और गिल में से किसी एक को टीम में शामिल करने को मुश्किल चयन करार दिया. शास्त्री ने कहा कि, आपको 5वें नंबर के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुनना होगा. सूर्या ऐसा खिलाड़ी है जो लगातार रन बनाता है और स्ट्राइक रोटेट करता है, जिससे गेंदबाजों को लय हासिल करने में परेशानी होती है. स्पिनरों की मददगार पिच में तेजी से खेली गई 30-40 रन की पारी मैच का रुख बदल सकती है.