चंडीगढ़. अकाली दल के नेता रविकरण काहलों ने वीरवार को भाजपा का कमल पकड़ लिया. शिअद प्रधान सुखबीर बादल द्वारा पार्टी से निकाले जाने के बाद रविकरण काहलों ने यह कदम उठाया है.

पंजाब भाजपा प्रधान सुनील जाखड़, पंजाब भाजपा के प्रदेश महामंत्री परमिंदर सिंह बराड़ और मनजिंदर सिंह सिरसा ने उनका पार्टी में स्वागत किया. इस दौरन काहलों ने सुखबीर बादल और बिक्रम मजीठिया पर कई गंभीर आरोप लगाए. भाजपा का दामन थामने के बाद रविकरण काहलों ने सुखबीर बादल और मजीठिया पर पर आरोपों की झड़ी लगा दी.


उन्होंने कहा कि मैं 1992 से पार्टी के लिए काम कर रहा हूं. मैंने सिर्फ यही कहा था कि बेहतर छवि के नेताओं को पार्टी में शामिल किया जाना चाहिए और उन्होंने बलात्कार के आरोपी को पार्टी में शामिल करने का विरोध किया था इसलिए उनकी आवाज को दबाते हुए उन्हें पार्टी से निकाला गया. उन्होंने कहा कि उनके दादा और पिता के बाद काहलों परिवार की तीसरी पीढ़ी शिअद के लिए काम कर रही थी लेकिन अब सुखबीर बादल सिर्फ रिमोट वाले प्रधान है जबकि पार्टी में सभी फैसले बिक्रम सिंह मजीठिया लेते हैं.

उन्होंने कहा कि 2022 में मजीठिया ने ही फतेहगढ़ चूड़िया की बजाय उन्हें डेरा बाबा नानक से टिकट दिलवाई लेकिन सिर्फ 234 बोटों से मेरी हार हुई. मजीठिया को पता था कि फतेहगढ़ चूडियां से मैं जीत जाऊंगा.