चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा. 117 सीटों में से कांग्रेस केवल 18 सीटों पर सिमटकर रह गई. इसके बाद नाराज पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पंजाब समेत हार वाले सभी राज्यों के कांग्रेस अध्यक्षों से इस्तीफा मांग लिया. पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भी पद से इस्तीफा दे दिया. अब पंजाब में नए कांग्रेस अध्यक्ष की तलाश शुरू हो गई है. 2024 में लोकसभा चुनाव हैं, ऐसे में पंजाब की 13 सीटों पर जीत के लिए कांग्रेस में इस बात पर मंथन चल रहा है. नए प्रधान पद के लिए प्रदेश कमेटी की तरफ से भेजे नाम में सांसद रवनीत बिट्टू और चौधरी संतोख सिंह शामिल हैं. वहीं गिद्दड़बाहा से विधायक अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और सुखजिंदर सिंह रंधावा भी इस दौड़ में हैं. हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू दूसरी बार अध्यक्ष पद मांग रहे हैं. राजा वड़िंग को जरूर राहुल गांधी से नजदीकी का फायदा मिल सकता है. इसके अलावा पंजाब की राजनीति में वापस लौटे विधायक प्रताप सिंह बाजवा भी इशारों-इशारों में दावेदारी ठोक चुके हैं.
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कांग्रेस में जबरदस्त अंतर्कलह जारी
पंजाब कांग्रेस में जबरदस्त अंतर्कलह है. यहां तक कि ये अंतर्कलह ही कांग्रेस को चुनाव में ले डूबी. सबके अपने-अपने गुट हैं, जिससे निपटने की कोशिश कांग्रेस आलाकमान कर रहा है. कांग्रेस में इस वक्त नवजोत सिद्धू के अलावा सुनील जाखड़, माझा की दिग्गज तिकड़ी सुखजिंदर रंधावा, तृप्त राजिंदर बाजवा और सुख सरकारिया अलग-अलग चल रहे हैं. वहीं पार्टी के सभी सांसद इन सबसे अलग रास्ते पर हैं. ऐसे में कांग्रेस की कोशिश है कि दो साल बाद लोकसभा चुनाव में इसका नुकसान न हो, इसलिए कांग्रेस सांसदों पर फोकस कर रही है.
24 नेताओं से सिद्धू ने की मीटिंग
इधर सिद्धू का आलाकमान पर दबाव बनाने का खेल अभी भी जारी है. ऐसा वे हमेशा से करते रहे हैं. दबाव बनाने के लिए हाल ही में पंजाब के 24 नेताओं से सिद्धू ने मीटिंग भी की, जो एक तरह से शक्ति प्रदर्शन ही था. इसमें चुनाव हारे उम्मीदवारों के साथ विधायक सुखपाल खैहरा और बलविंदर धालीवाल भी शामिल हुए. सिद्धू खेमे का तर्क है कि चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम चेहरा बनाते वक्त ही राहुल गांधी को स्पष्ट कर दिया गया था कि हार या जीत के जिम्मेदार सिद्धू नहीं होंगे, इसलिए अब उन्हें प्रधानगी से हटाना उचित नहीं है.
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विधानसभा चुनाव में दिग्गज हुए धराशायी, सिद्धू की भी नहीं बची कुर्सी
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी की आंधी में कांग्रेस के बड़े-बड़े दिग्गज चुनाव हार गए. इनमें तत्कालीन सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल हैं. इनके अलावा शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल, 5 बार के सीएम रहे प्रकाश सिंह बादल, पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया भी शामिल हैं.
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