Drone Attack On Rawalpindi: भारतीय सेना द्वारा आतंकी हमले का बदला लेने के लिए किए गए बुधवार को किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं आज यानी गुरुवार को पाकिस्तान के कई शहरों में हुए सिलसिलेवार ड्रोन हमलों ने रावलपिंडी, कराची, लाहौर और इस्लामाबाद को दहला कर रख दिया। इन हमलों में दर्जनों आतंकवादियों के मारे जाने की खबर है, वहीं पाकिस्तान के सुरक्षा ढांचे की पोल खुल गई है।
इन हमलों का सीधा असर पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) के मैचों पर भी पड़ा है, खासकर रावलपिंडी में होने वाले मैच पर संकट के बादल गहराने लगे हैं। विदेशी खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
ड्रोन हमलों से रावलपिंडी में तबाही
बता दें कि गुरुवार 8 मई यानी आज रावलपिंडी में हुए ड्रोन हमले में शहर के कई हिस्सों के साथ-साथ रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम को भी नुकसान पहुंचा है। इसी स्टेडियम में कराची किंग्स और पेशावर जाल्मी के बीच आज शाम PSL का 27वां मुकाबला होना था, लेकिन अब मैच के आयोजन पर अनिश्चितता छा गई है।

हालांकि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने अब तक आधिकारिक रूप से PSL को रद्द करने की घोषणा नहीं की है, लेकिन आंतरिक सूत्रों के अनुसार इस पर जल्द ही कोई निर्णय लिया जा सकता है।
विदेशी खिलाड़ियों की सुरक्षा पर खतरा
कराची किंग्स और पेशावर जाल्मी की टीमों में कई विदेशी खिलाड़ी शामिल हैं। कराची की टीम में डेविड वॉर्नर, मोहम्मद नबी, जेम्स विंस और टिम सिफर्ट जैसे दिग्गज नाम हैं, वहीं पेशावर जाल्मी में टॉम कोहलर-कैडमोर, ल्यूक वूड, अल्जारी जोसेफ और मैक्स ब्रायंट जैसे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मौजूद हैं।

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और सुरक्षा जोखिम को देखते हुए कुछ खिलाड़ियों ने अपनी संबंधित क्रिकेट बोर्ड से मदद मांगी है। इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) से अपील की है कि उन्हें जल्द से जल्द पाकिस्तान से बाहर निकाला जाए।
सूत्रों के मुताबिक मुल्तान सुल्तांस के खिलाड़ी डेविड विली और क्रिस जॉर्डन ने अपने फ्रेंचाइज़ी प्रबंधन को सूचित किया है कि वे अब पाकिस्तान में नहीं रुकना चाहते और स्वदेश लौटना चाहते हैं। मुल्तान की टीम पहले ही टूर्नामेंट से बाहर हो चुकी है।
इंग्लैंड के प्रोफेशनल क्रिकेटर्स एसोसिएशन और विदेश मंत्रालय इन खिलाड़ियों के संपर्क में हैं और हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
‘ऑपरेशन सिंदूर’: आतंक के खिलाफ भारत की सख्त कार्रवाई
गौरतलब है कि पाकिस्तान पर भारत का यह जवाबी हमला 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद किया गया, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई थी। इसके बाद भारतीय सेना और वायुसेना ने संयुक्त रूप से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया।
इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए गए। इन ठिकानों में बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद और मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा के अड्डे शामिल थे। सूत्रों के अनुसार इन हमलों में कम से कम 100 आतंकियों को मार गिराया गया है।
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H