RBI Action on Banks: वित्त मंत्रालय ने इस सप्ताह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से अपने स्वर्ण ऋण खातों की समीक्षा करने को कहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चिंता की बात यह है कि सोने की कीमत में बढ़ोतरी के बाद कर्जदाताओं ने मौजूदा लोन के अलावा टॉप-अप लोन देना शुरू कर दिया है.

वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 1 जनवरी, 2022 से प्रत्येक स्वर्ण ऋण खाते की समीक्षा करने, संपार्श्विक का एक मोटा अनुमान लगाने, संग्रह शुल्क की समीक्षा करने और हर चीज की जांच करने के लिए कहा है. 27 फरवरी को बैंकों को पत्र भेजकर डीएफएस ने ये आदेश दिए हैं.

दो सरकारी बैंकों ने लोन प्रक्रिया में गड़बड़ी की

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दो बड़े सरकारी बैंकों ने गोल्ड लोन प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं की हैं. कुछ मामलों में रिकॉर्ड में 18 कैरेट सोने के आभूषण को 22 कैरेट के रूप में दिखाया गया है. ऐसा सोने का मूल्य बढ़ाकर अधिक गोल्ड लोन देने की कोशिश में किया गया था. हालांकि, वित्त मंत्रालय की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.

गोल्ड लोन साल दर साल 17% बढ़ा

साल-दर-साल आधार पर गोल्ड लोन में 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, सोने की कीमत में 16.6 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है. 26 जनवरी तक, सोने के आभूषणों के बदले ऋण ₹1,01,934 करोड़ था. वहीं, 7 मार्च को 10 ग्राम सोना पहली बार 65 हजार रुपये के पार पहुंच गया.

इस हफ्ते RBI ने IIFL फाइनेंस पर नए गोल्ड लोन देने पर रोक लगा दी है. IIFL के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में कई अनियमितताएं पाई गई हैं. आरबीआई ने कहा था- पिछले कुछ महीनों से सेंट्रल बैंक कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधन और ऑडिटरों के साथ इन कमियों पर चर्चा कर रहा था, लेकिन अब तक कोई सार्थक सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की गई है. ऐसे में ग्राहकों के समग्र हित में यह प्रतिबंध जरूरी था.

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