RBI Canceled Bank License: भारतीय रिजर्व बैंक लगातार नियमों का उल्लंघन करने वाले बैंकों पर शिकंजा कस रहा है. इसी कड़ी में आरबीआई ने आज दो बैंकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उनका लाइसेंस रद्द कर दिया है. केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को बनारस मर्केंटाइल कोऑपरेटिव बैंक और कर्नाटक स्थित शिम्शा कोऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया.

आज से इन बैंकों में काम बंद

भारतीय रिजर्व बैंक ने बयान में कहा कि सहकारी बैंक नियमिथा, मद्दुर कर्नाटक का लाइसेंस उसकी खराब होती वित्तीय स्थिति को देखते हुए रद्द कर दिया गया है, इसलिए बैंक बैंकिंग कारोबार बंद कर देगा. साथ ही उसने रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज कर्नाटक से बैंक को बंद करने और बैंक के लिए लिक्विडेटर नियुक्त करने का आदेश जारी करने की अपील की है.

डिपॉजिट क्लेम पर मिलेंगे 5 लाख रुपये

लिक्विडेशन होने पर हर जमाकर्ता डिपॉजिट क्लेम एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन से जमा राशि पर 5 लाख रुपये तक का दावा करने का हकदार है. बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, RBI ने कहा कि लगभग 99.96 प्रतिशत जमाकर्ता DICGC से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं.

RBI ने विस्तृत जानकारी देते हुए आगे कहा कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं और इसका जारी रहना इसके जमाकर्ताओं के हितों के लिए हानिकारक है. ऐसी स्थिति में, बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के कारण जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा.

11.85 करोड़ का भुगतान पहले ही किया जा चुका है

 आपको बता दें कि 31 मार्च 2024 तक, DICGC ने बैंक के संबंधित जमाकर्ताओं से प्राप्त इच्छाओं के आधार पर कुल बीमित जमा राशि में से 11.85 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है. जून में इस बैंक के खिलाफ कार्रवाई की गई थी मालूम हो कि इससे पहले 17 जून को केंद्रीय बैंक ने गाजीपुर के पूर्वांचल सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया था.

पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाओं के अभाव में इस बैंक का लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया था. इस दौरान आरबीआई ने कहा था कि सहकारी बैंक अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति के साथ अपने मौजूदा जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा. अगर बैंकिंग कारोबार को जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो इसका जनता पर बुरा असर पड़ेगा.