RBI Deputy Governor Poonam Gupta: डॉ. पूनम गुप्ता आईबीआई की डिप्टी गवर्नर बन गईं हैं। भारत सरकार ने 2 अप्रैल को डॉ. पूनम गुप्ता को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का नया डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया है। वे प्रधानमंत्री की इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल की सदस्य हैं। डॉ. पूनम का कार्यकाल 3 साल का होगा। 5 अप्रैल को RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक से पहले ये नियुक्ति की गई है।

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 आरबीआई के डिप्टी गवर्नर पद पर 14 साल बाद किसी महिला की वापसी हुई है। दिल्ली की अर्थशास्त्री पूनम गुप्ता को यह जिम्मेदारी दी गई है। अभी वह नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (NCAER) की डायरेक्टर जनरल और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की पार्ट-टाइम मेंबर हैं। इससे पहले वे NITI आयोग की डेवलपमेंट एडवाइजरी कमेटी और FICCI की एक्जीक्यूटिव कमेटी की सदस्य रह चुकी हैं।

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पूनम गुप्ता उत्तरी दिल्ली के शालीमार बाग इलाके से ताल्लुक रखती हैं। दिलचस्प बात है कि दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता भी शालीमार बाग से विधायक हैं। वह दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनी हैं जबकि पूनम गुप्ता को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) का चौथा महिला डिप्टी गवर्नर बनाया गया है।

 यह पद माइकल पात्रा के जाने के बाद ढाई महीने से खाली था। उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए हुई है। आरबीआई की मौद्रिक नीति की मीटिंग अगले हफ्ते होने वाली है। पिछली मीटिंग में केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती की गई थी। माना जा रहा है कि इस बार भी रेपो रेट में इतनी ही कटौती की जा सकता है। इससे लोगों को महंगे लोन से राहत मिल सकती है।

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पूनम गुप्ता की शिक्षा

पूनम गुप्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल आफ इकोनाॅमिक्स से अर्थशास्त्र से स्नातकोत्तर (मास्टर) की डिग्री प्राप्त की। बाद में अमेरिका के यूनिवर्सिटी आफ मैरीलैंड से अर्थशास्त्र में पीएचडी की उपाधि अर्जित की। इस दौरान 1998 में EXIM बैंक से सम्मानित किया गया।

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DU में फैकल्टी रह चुकी हैं

इसके बाद वे दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (दिल्ली यूनिवर्सिटी में) एसोसिएट प्रोफेसर रहीं। उन्होंने DSE के डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक्स में 2 साल (2006 से 2008) तक पढ़ाया।

डिप्टी गवर्नर पूनम गुप्ता का करियर

पिछले लगभग दो दशकों से पूनम ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक में वरिष्ठ पदों पर कार्य किया। इसके साथ ही भारत की कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर केंद्रित परियोजनाओं में पूनम का योगदान रहा। इसके अलावा पूनम गुप्ता राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान में आरबीआई चेयर प्रोफेसर और  आईसीआरआईईआर में प्रोफेसर भी रही हैं। पूनम गुप्ता विश्व बैंक के एडवाइजरी पैनल की सदस्य रह चुकी हैं। वह जी 20 प्रेसीडेंसी में मैक्रोइकाॅनाॅमिक्स टास्क फोर्स की अध्यक्ष भी रहीं। वर्तमान में 2021 से NCAER की डायरेक्टर जनरल पद पर कार्यरत हैं और पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य भी हैं। उन्होंने मैक्रोइकाॅनाॅमिक्स और उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं पर व्यापक शोध किया हैं। कई प्रतिष्ठित शैक्षणिक पत्रिकाओं में उनके कार्य प्रकाशित हुए हैं। 

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ICRIER में मैक्रोइकोनॉमिक्स पढ़ाया

डॉ. पूनम ने 2 साल (2009 से 2011) तक इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशन (ICRIER) में मैक्रोइकोनॉमिक्स की प्रोफेसर के रूप में काम किया है। ICRIER भारत का एक प्रमुख इकोनॉमिक पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट है, जिसकी स्थापना 1981 में एक नॉन-प्रॉफिट, इंडिपेंडेंट थिंक टैंक के रूप में की गई थी।

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NIPFP में RBI चेयर प्रोफेसर भी रही हैं

डॉ. गुप्ता नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (NIPFP) में RBI चेयर प्रोफेसर रह चुकी हैं। उन्होंने 2 साल (2011 से 2013) तक काम किया। NIPFP भारत का एक प्रमुख रिसर्च इंस्टीट्यूट है, जो पब्लिक इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसीज पर फोकस्ड है। इसे 1976 में एक ऑटोनॉमस सोसाइटी के रूप में नई दिल्ली में स्थापित किया गया था।

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16वें वित्त आयोग के एडवाइजरी काउंसिल का सदस्य हैं

डॉ. गुप्ता को साल 2021 में प्रधानमंत्री मोदी के इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल का सदस्य बनाया गया। वे अभी भी पार्ट टाइम में इस पद पर कार्यरत हैं। सदस्य के रूप में वे देश की इकोनॉमिक पॉलिसीज पर सलाह देती हैं। इसके बाद, डॉ. पूनम गुप्ता को साल 2024 में 16वें वित्त आयोग की एडवाइजरी काउंसिल का सदस्य नियुक्त किया गया। वे इकोनॉमिक पॉलिसी, फिस्कल सिस्टम और फाइनेंशियल रिफॉर्म्स से जुड़े मुद्दों पर कमीशन को परामर्श देती हैं।

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ICRIER की महानिदेशक बनने वाली पहली महिला

डॉ. पूनम गुप्ता साल 2021 में इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशन (ICRIER) की डायरेक्टर जनरल यानी महानिदेशक बनीं। वे इस पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला हैं। ICRIER एक प्रीमियर इकोनॉमिक थिंक टैंक है, जो पॉलिसी मेकिंग, ट्रेड, फाइनेंस और मैक्रोइकोनॉमिक्स जैसे टॉपिक्स पर रिसर्च करती है।

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पीएम से ज्यादा सैलरी मिलेगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 1.66 लाख रुपए प्रतिमाह सैलरी मिलती है, जिसमें उनकी बेसिक पे 50,000 रुपए, संसदीय भत्ता 45,000 रुपए, व्यय भत्ता 3,000 रुपए और दैनिक भत्ता 2,000 रुपए शामिल हैं। इसके अलावा उन्हें अन्य भत्ते भी मिलते हैं।वहीं, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर को 2.25 लाख रुपए की मासिक सैलरी मिलती है, जो प्रधानमंत्री की सैलरी से अधिक है। इसके अलावा उन्हें कई अन्य भत्ते और सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं। 2022 में एक RTI के जवाब में आरबीआई ने ये जानकारी दी थी।

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