मुंबई। कोरोना काल में मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने कामयाबी का फल आखिरकार RBI गवर्नर शक्तिकांत दास को मिल गया है. 10 दिसंबर 2021 को कार्यकाल खत्म होने से पहले केंद्र सरकार ने उनका कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ा दिया है. इस आदेश के साथ ही दास दिसंबर 2024 तक आरबीआई चीफ बने रहेंगे.
आधिकारिक बयान के मुताबिक, कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में शक्तिकांत दास की पुनर्नियुक्ति को 10.12.2021 से तीन साल की अवधि या अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया गया है. सरकार के इस कदम से अर्थव्यवस्था में ग्रोथ में मदद मिल सकती है. उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद आरबीआई गवर्नर बने शक्तिकांत दास के नेतृत्व में कोरोना काल में केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में कमी और विकास का समर्थन करने और सबसे खराब दौर में लिक्विडिटी बरकरार रखने में कामयाबी पाई है.
इतिहास में किया है एमए
26 फरवरी 1957 को जन्मे शक्तिकांत दास ने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से इतिहास में एमए की डिग्री हासिल की है. तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी शक्तिकांत दास को केंद्रीय आर्थिक मामलों के सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान भारत के सबसे शक्तिशाली लोगों में से एक माना जाता था. इससे पहले दास ने भारत के आर्थिक मामलों के सचिव, भारत के राजस्व सचिव और भारत के उर्वरक सचिव के रूप में भी काम किया है.
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भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी का अनुमान
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अगले साल 2022 में दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्था के रूप में अनुमान लगाया है कि भारत में सबसे तेज आर्थिक वृद्धि दर होगी. IMF के आंकड़े बताते हैं कि कोरोना संकट की वजह से पिछले साल भारत में आर्थिक वृद्धि दर – 7.3 फीसदी थी, जिसके 2021 में 9.5 फीसदी होने का अनुमान है. यह अनुमान दुनिया के किसी भी देश की तुलना में काफी ज्यादा है.
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