RBI To Hike ATM Transaction: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एटीएम निकासी शुल्क में बढ़ोतरी की घोषणा की है. अधिसूचना के अनुसार, 1 मई से ग्राहकों को मासिक मुफ्त लेनदेन सीमा पार करने पर हर ट्रांजेक्शन पर 2 रुपये अतिरिक्त देने होंगे.

फिलहाल बैंक मुफ्त लेनदेन सीमा पार करने पर 21 रुपये शुल्क लेते हैं, जिसे अब बढ़ाकर 23 रुपये कर दिया गया है. इससे पहले, आरबीआई ने एटीएम इंटरचेंज फीस में भी बढ़ोतरी की थी. अब प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर 19 रुपये इंटरचेंज चार्ज देना होगा, जो पहले 17 रुपये था.

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बैलेंस चेक करने पर 7 रुपये लगेंगे

गैर-वित्तीय लेनदेन, जैसे बैलेंस पूछताछ के लिए भी शुल्क बढ़ाया गया है. पहले हर बैलेंस चेक करने पर 6 रुपये लगते थे, जो अब बढ़कर 7 रुपये हो गए हैं.

एटीएम से कितने मुफ़्त ट्रांजेक्शन किए जा सकते हैं? (RBI To Hike ATM Transaction)

ग्राहकों को हर महीने अलग-अलग बैंकों के एटीएम पर सीमित संख्या में मुफ़्त ट्रांजेक्शन की अनुमति है. मेट्रो शहरों में ग्राहकों को 5 ट्रांजेक्शन की अनुमति है, जबकि गैर-मेट्रो शहरों में 3 ट्रांजेक्शन की अनुमति है. मुफ़्त ट्रांजेक्शन की संख्या पार होने पर ग्राहकों को अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है.

एटीएम इंटरचेंज शुल्क क्या होता है? (RBI To Hike ATM Transaction)

एटीएम इंटरचेंज शुल्क वह राशि होती है, जो एक बैंक दूसरे बैंक को एटीएम सेवाएँ प्रदान करने के लिए देता है. यह शुल्क आमतौर पर हर ट्रांजेक्शन पर लागू होता है और इसे ग्राहकों की बैंकिंग लागत का हिस्सा बना दिया जाता है.

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आरबीआई ने एटीएम ऑपरेटरों के अनुरोध पर लिया फैसला (RBI To Hike ATM Transaction)

आरबीआई ने व्हाइट-लेबल एटीएम ऑपरेटरों के अनुरोध पर इन शुल्कों को संशोधित करने का निर्णय लिया है. एटीएम ऑपरेटरों का कहना है कि बढ़ती परिचालन लागत उनके व्यवसाय को प्रभावित कर रही है.

यह वृद्धि पूरे देश में लागू होगी, जिससे छोटे बैंकों के ग्राहकों पर अधिक प्रभाव पड़ सकता है. छोटे बैंक आमतौर पर एटीएम इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य सेवाओं के लिए बड़े वित्तीय संस्थानों पर निर्भर होते हैं.

डिजिटल भुगतान का एटीएम सेवाओं पर प्रभाव (RBI To Hike ATM Transaction)

डिजिटल भुगतान ने भारत में ATM सेवा को प्रभावित किया है. ऑनलाइन वॉलेट और UPI ट्रांजैक्शन की सुविधा ने नकद निकासी की ज़रूरत को काफ़ी हद तक कम कर दिया है.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2014 में भारत में 952 लाख करोड़ रुपये के डिजिटल भुगतान किए गए. वित्त वर्ष 23 तक यह आँकड़ा बढ़कर 3,658 लाख करोड़ रुपये हो गया. यह आँकड़ा कैशलेस ट्रांजैक्शन की ओर बढ़ते रुझान को दर्शाता है.

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