RBI ने फिर रेपो रेट बढ़ा दिया है यानी रिजर्व बैंक जिस रेट पर बैंकों को लोन देता है, उसका रेट अब बढ़ा दिया गया है. बैंक को ज़्यादा ब्याज देना होगा तो वो आप से भी लोन पर ज़्यादा ब्याज वसूलेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो रेट को 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर 4.90 प्रतिशत कर दिया है.

मौद्रिक नीति की घोषणा से पहले ही वसूली भी शुरू हो गई है. RBI के घोषणा के पहले ही प्राइवेट सेक्टर के HDFC बैंक ने लोन पर फिर झटका दिया है, बैंक ने मंगलवार को लोन दरों में 0.35 प्रतिशत की वृद्धि की है. इसके साथ ही Canara Bank,और Karur vysya Bank ने भी अपनी ब्याज दरों में इजाफा किया है.

आखिर क्यो बढ़ाया जा रहा रेपो रेट?

  • चीन में लॉकडाउन खुलने से दुनियाभर में कच्चे तेल, स्टील जैसी कमोडिटी की मांग बढ़ी
  • अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेंचमार्क क्रूड ब्रेंट 120 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर निकला.
  • बॉन्ड यील्ड 2019 के बाद पहली बार 7.5% तक पहुंची, 8% तक जाने की आशंका
  • ब्रिटेन और यूरो जोन में महंगाई दर 40 साल के रिकॉर्ड लेवल 8% से भी ऊपर निकल गई, ऐसे में वैश्विक महंगाई बढ़ने का डर.

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रेपो रेट से EMI का कनेक्शन जानिए

रेपो रेट वो दर होती है जिस पर RBI से बैंकों को कर्ज मिलता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते है जिस दर पर बैंकों को RBI पैसा रखने पर ब्याज देती है. जब RBI रेपो रेट घटाता है, तो बैंक भी ज्यादातर समय ब्याज दरों को कम करते हैं. यानी ग्राहकों को दिए जाने वाले लोन की ब्याज दरें कम होती हैं, साथ ही EMI भी घटती है. इसी तरह जब रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है, तो ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण ग्राहक के लिए कर्ज महंगा हो जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि कॉमर्शियल बैंक को केंद्रीय बैंक से उच्च कीमतों पर पैसा मिलता है, जो उन्हें दरों को बढ़ाने के लिए मजबूर करता है.

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शार्ट टर्म महंगाई बढ़ी

रिजर्व बैंक महंगाई को काबू करने के लिए ब्याज दरों को बढ़ाते रहा है, लेकिन इससे शॉर्ट टर्म में महंगाई बढ़ जा रही है. धीरे-धीरे ऑटो लोन, पर्सनल लोन महंगे होंगे. वो वाले पर्सनल लोन भी, जो आपको मोबाइल ऐप पर भी मिल जाते हैं. ऐसे आप नया सामान खरीदने से बचेंगे क्योंकि महंगा पड़ेगा, खर्चों में कटौती करेंगे वहीं, कंपनियां भी लोन लेकर नए प्रोजेक्ट लगाने से बचेंगीं. फिलहाल रिज़र्व बैंक को कुल मिलाकर उम्मीद यही है कि पैसे खिंचने से बाजार ठंडा होगा, मांग घटेगी और महंगाई कम होगी.