RBI Penalty on Banks: भारतीय रिजर्व बैंक ने नियमों का उल्लंघन करने वाले तीन बैंकों पर 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा आरबीआई ने 5 सहकारी बैंकों पर भी कार्रवाई की है. केंद्रीय बैंक ने सबसे ज्यादा जुर्माना सिटी बैंक पर 5 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा पर 4.34 करोड़ रुपये और इंडियन ओवरसीज बैंक पर 1 करोड़ रुपये का लगाया है.
कार्रवाई क्यों करनी पड़ी?
सबसे ज्यादा जुर्माना निजी क्षेत्र के सिटी बैंक पर लगाया गया है. इस बैंक पर बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के उल्लंघन का आरोप है. साथ ही, यह जोखिम प्रबंधन और वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग के लिए आरबीआई दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रहा है. बैंक ऑफ बड़ौदा पर सेंट्रल रिपॉजिटरी ऑफ लार्ज कॉमन एक्सपोजर की स्थापना से संबंधित नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है. उधर, चेन्नई स्थित सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक को लोन और एडवांस के नियमों का पालन नहीं करने का दोषी पाया गया है.
ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा
रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया कि दिशानिर्देशों का ठीक से पालन नहीं करने पर इन तीनों बैंकों पर जुर्माना लगाया गया है. इसका उद्देश्य बैंकों और उनके ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल उठाना नहीं है. आरबीआई ने इन बैंकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इसमें उनसे जुर्माने से बचने के लिए स्पष्टीकरण देने को कहा गया है.
पांच सहकारी बैंक भी नपे
इससे पहले आरबीआई ने विभिन्न नियमों का उल्लंघन करने वाले 5 सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया था. इनमें श्री महिला सेवा सहकारी बैंक, पोरबंदर विभागीय नागरिक सहकारी बैंक, सर्वोदय नागरिक सहकारी बैंक, खंभात नागरिक सहकारी बैंक और वेजलपुर नागरिक सहकारी बैंक शामिल हैं. इन पर 25 हजार रुपये से लेकर 2.5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है.
अभ्युदय सहकारी बैंक का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया
रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को अभ्युदय सहकारी बैंक के बोर्ड को अगले एक साल के लिए भंग करने की घोषणा की. हालांकि, बैंक के कारोबार पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. सेंट्रल बैंक ने भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक सत्य प्रकाश पाठक को अभ्युदय सहकारी बैंक का प्रशासक नियुक्त किया है. इसके अलावा सलाहकारों की एक समिति भी नियुक्त की गई है. रिजर्व बैंक का कहना है कि अभ्युदय सहकारी बैंक के संचालन के खराब मानकों के कारण उसे कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.