मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नीति रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया और मुद्रास्फीति से निपटने के लिए समायोजन रुख को भी वापस ले लिया. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह निर्णय 4:2 बहुमत से लिया गया. इसे भी पढ़ें : ‘मैं नरेंद्र दामोदर दास मोदी…’, 9 तारीख को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की लेंगे शपथ, साथ में होगा एनडीए का पूरा कुनबा…
केंद्रीय बैंक ने इसके अलावा स्थायी जमा सुविधा (SDF) और सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) दरों को भी अपरिवर्तित रखा. जबकि SDF 6.25 प्रतिशत पर जारी है, MSF और बैंक दरें 6.75 प्रतिशत पर बनी हुई हैं.
शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को टिकाऊ आधार पर 4 प्रतिशत के लक्ष्य के अनुरूप लाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक ने अनुमान लगाया है कि चालू वित्त वर्ष में सामान्य मानसून के साथ जोखिम संतुलित रहने पर मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहेगी.
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उन्होंने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति उच्च बनी हुई है और यह अवस्फीति के मार्ग को पटरी से उतार सकती है. दास ने आगे कहा कि मार्च-अप्रैल में सीपीआई हेडलाइन मुद्रास्फीति नरम हुई और सब्जियों की कीमतों में तेजी देखी जा रही है. उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति में कुछ सुधार देखने को मिल सकता है.
शक्तिकांत दास ने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति पर बारीकी से नजर रखने की जरूरत है. आरबीआई एमपीसी की बैठक 5-7 जून को हुई थी. यह लोकसभा चुनाव परिणाम 2024 के बाद आरबीआई की पहली मौद्रिक नीति समिति की बैठक थी.
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