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RBI MPC Members Policy: सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) में राम सिंह, सौगत भट्टाचार्य और नागेश कुमार समेत तीन नए बाहरी सदस्यों की नियुक्ति की है.
एमपीसी में 6 सदस्य हैं, जिनमें से तीन केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास, डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा और कार्यकारी निदेशक राजीव रंज हैं.
जबकि, तीन बाहरी सदस्यों को केंद्र सरकार चार साल के लिए नियुक्त करती है. वर्तमान में एमपीसी के बाहरी सदस्य प्रोफेसर आशिमा गोयल, प्रोफेसर जयंत वर्मा और नई दिल्ली के वरिष्ठ सलाहकार शशांक भिड़े हैं. इनका कार्यकाल इसी सप्ताह समाप्त हो रहा है.
राम सिंह दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के निदेशक हैं, डॉ. नागेश कुमार इंस्टीट्यूट फॉर स्टडीज इन इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के निदेशक और मुख्य कार्यकारी हैं. सौगत भट्टाचार्य अर्थशास्त्री हैं.
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एमपीसी की बैठक 7-9 अक्टूबर को होगी
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 7-9 अक्टूबर को होगी. गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में ब्याज दर पर फैसला लिया जाएगा. पिछली बैठक अगस्त में हुई थी, जिसमें समिति ने लगातार 9वीं बार दरों में कोई बदलाव नहीं किया था.
अक्टूबर में होने वाली बैठक में भी ब्याज दरों में कोई बदलाव की उम्मीद नहीं है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास 9 अक्टूबर को बैठक के फैसलों की जानकारी देंगे. यह बैठक हर दो महीने में होती है.
आरबीआई ने पिछली बार फरवरी 2023 में दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% की थी. यूएस फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.5% की कटौती की इससे पहले 18 सितंबर को यूएस फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.5% की कटौती की थी.
चार साल बाद हुई इस कटौती के बाद ब्याज दरें 4.75% से 5.25% के बीच रहीं. अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, इसलिए इसके केंद्रीय बैंक का हर बड़ा फैसला दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित करता है. रिजर्व बैंक ने 2020 से अब तक 5 बार में 1.10% ब्याज दरें बढ़ाईं
कोरोना के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने दो बार (27 मार्च 2020 से 9 अक्टूबर 2020) ब्याज दरों में 0.40% की कटौती की. इसके बाद केंद्रीय बैंक ने अगली 10 बैठकों में 5 बार ब्याज दरें बढ़ाईं.
चार बार कोई बदलाव नहीं किया गया और एक बार अगस्त 2022 में 0.50% की कटौती की गई. कोविड से पहले 6 फरवरी 2020 को रेपो रेट 5.15% पर था. (RBI MPC Members Policy)
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