RBI Repo Rate Decision: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर रेपो रेट को स्थिर रखने का निर्णय लिया है. मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की हालिया बैठक में रेपो रेट को 5.50% पर अपरिवर्तित रखा गया. यह कदम न सिर्फ अर्थशास्त्रियों की उम्मीदों के अनुरूप है, बल्कि इसका सीधा असर आम लोगों की होम लोन EMI और बैंकिंग लेनदेन पर भी पड़ेगा.
आरबीआई की मौद्रिक नीति अभी भी ‘तटस्थ’ बनी हुई है, जिसका मतलब है कि ब्याज दरों में अचानक कोई बड़ा बदलाव फिलहाल नहीं होगा. दरअसल, RBI ने 2025 में अब तक कुल 1% की कटौती की है, जिसमें आखिरी बार जून में 0.50% की कमी शामिल थी. अगस्त की बैठक में दरें स्थिर रखी गई थीं और अब तक किसी नए बदलाव की घोषणा नहीं हुई.
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रेपो रेट में बदलाव न होने के 3 मुख्य कारण (RBI Repo Rate Decision)
- अर्थव्यवस्था में तेजी: भारत की जीडीपी अप्रैल-जून 2025 की तिमाही में 7.8% बढ़ी. यह आंकड़ा सभी उम्मीदों से ज्यादा है. जब अर्थव्यवस्था पहले से तेजी से बढ़ रही हो, तो RBI को दरें घटाने की तत्काल जरूरत नहीं होती.
- वैश्विक अनिश्चितताएं: अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ा दिए हैं और H-1B वीजा शुल्क भी बढ़ाया है. ऐसे माहौल में RBI कोई बड़ा कदम उठाने से पहले पूरी स्थिति का गहराई से आकलन करना चाहता है.
- महंगाई में हल्की वृद्धि: अगस्त 2025 में महंगाई दर 2.07% रही. यह RBI के 4% लक्ष्य से कम है, लेकिन पिछले 10 महीनों में पहली बार इसमें वृद्धि दर्ज की गई है. इसलिए बैंक सावधानी बरतते हुए फिलहाल दरें घटाने से बच रहा है.
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रेपो रेट का मतलब और असर (RBI Repo Rate Decision)
रेपो रेट वह ब्याज दर है, जिस पर RBI बैंकों को अल्पकालिक कर्ज देता है. इसका सीधा असर ग्राहकों और बाज़ार पर पड़ता है:
स्थिति | असर |
---|---|
RBI रेपो रेट घटाए | बैंकों को सस्ता कर्ज, ग्राहकों को कम ब्याज, EMI घटेगी, बाजार में पैसा बढ़ेगा |
RBI रेपो रेट बढ़ाए | बैंकों को महंगा कर्ज, लोन महंगे, EMI बढ़ेगी, खर्च कम होगा, महंगाई काबू में रहेगी |
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इस बार रेपो रेट स्थिर रखने का मतलब है कि आपकी होम लोन EMI में फिलहाल कोई राहत नहीं मिलेगी. हालांकि, अर्थशास्त्रियों का मानना है कि RBI की नीति लचीली है और आने वाले महीनों में हालात के अनुसार बदलाव हो सकता है.
RBI का तटस्थ रुख साफ संकेत देता है कि दरों में अचानक कमी या बढ़ोतरी की संभावना फिलहाल कम है. आम निवेशकों और परिवारों को अपनी वित्तीय योजना इसी आधार पर बनानी होगी.
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