मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी बैलेंस शीट में 11.08% की वृद्धि दर्ज की है, जो 31 मार्च, 2024 तक 70.48 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गई है. अमेरिकी डॉलर के हिसाब से बात करें तो RBI की बैलेंस शीट का आकार 844.76 बिलियन डॉलर के बराबर है, जो पाकिस्तान और बांग्लादेश के कुल GDP से अधिक है. विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान की GDP $375 बिलियन है, जबकि बांग्लादेश की GDP का मूल्य $460 बिलियन है.

RBI ने गुरुवार को जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि बैंकों और कॉरपोरेट्स की स्वस्थ बैलेंस शीट, पूंजीगत व्यय पर सरकार का ध्यान और विवेकपूर्ण मौद्रिक, नियामक और राजकोषीय नीतियों द्वारा समर्थित ठोस निवेश मांग के कारण भारत की GDP वृद्धि मजबूत बनी रहेगी.

रिजर्व बैंक की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था प्रतिकूल वैश्विक वृहद आर्थिक और वित्तीय माहौल से जूझ रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वृहद आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के माहौल में अगले दशक में विकास की गति को बढ़ाने के लिए अच्छी स्थिति में है.

इसमें कहा गया है, “जैसे-जैसे मुख्य मुद्रास्फीति लक्ष्य की ओर बढ़ेगी, यह विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में खपत की मांग को बढ़ावा देगी.” इसमें आगे कहा गया है कि बाहरी क्षेत्र की ताकत और विदेशी मुद्रा भंडार के रूप में बफर घरेलू आर्थिक गतिविधि को वैश्विक स्पिलओवर से बचाएंगे.

हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि भू-राजनीतिक तनाव, भू-आर्थिक विखंडन, वैश्विक वित्तीय बाजार में अस्थिरता, अंतरराष्ट्रीय कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव और अनिश्चित मौसम की घटनाएं विकास के दृष्टिकोण के लिए नकारात्मक जोखिम और मुद्रास्फीति के दृष्टिकोण के लिए सकारात्मक जोखिम पैदा करती हैं.

आरबीआई ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय अर्थव्यवस्था को एआई/एमएल (कृत्रिम बुद्धिमत्ता/मशीन लर्निंग) प्रौद्योगिकियों के तेजी से अपनाने के साथ-साथ बार-बार होने वाले जलवायु झटकों से उत्पन्न चुनौतियों से निपटना होगा. आरबीआई ने कहा कि अप्रैल से शुरू होने वाले चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 7 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है.

इसमें कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2023-24 (अप्रैल 2023 से मार्च 2024 वित्तीय वर्ष) में मजबूत गति से आगे बढ़ेगी, जिसमें वास्तविक जीडीपी वृद्धि पिछले वर्ष के 7.0 प्रतिशत से बढ़कर 7.6 प्रतिशत हो जाएगी. जबकि 2024-25 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 7.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जिसमें जोखिम समान रूप से संतुलित हैं. इसमें कहा गया है कि अर्थव्यवस्था ने लगातार चुनौतियों के बावजूद वित्त वर्ष 24 में लचीलापन दिखाया.