रायपुर। आरबीआई के आज के फैसलों पर रायपुर सीए ब्रांच के पूर्व अध्य्क्ष व आर्थिक मामलों के जानकार सीए अमित चिमनानी ने बताया कि एक तरफ जहां लोग खुद को कोरोना से बचाने घरों में कैद है. वही देश में ठप्प पड़ा व्यापार, बंद उद्योग, देश की अर्थव्यवस्था को खोखला कर रहे है और लोग भी कई प्रकार के डिप्रेशन के साथ फाइनेंसियल स्ट्रेस का सामना कर रहे है. कुछ को किराया भरने की टेंशन, कुछ को नौकरी जाने की, तो कुछ को लोन पटाने की.

देश में नकद की किल्लत ना हो इसलिए आज आर्थिक नुकसान उठाते हुए आरबीआई ने जनता के हित में कदम उठाया है. रिवर्स रेपो रेट 4% से कम कर 3.75% कर दिया है. रिवर्स रेपो रेट वह रेट है जिसपे विभिन बैंक आरबीआई को लोन देते है या यूं कहें कि अपना एक्स्ट्रा पड़ा हुआ रुपया आरबीआई में जमा करते है व आरबीआई उन्हें उस पर ब्याज देता है. आरबीआई ने इसे कम कर साफ संकेत दिया है अब बैंक लोगों को लोन दे ताकि लोगों को फिर से खड़ा होने में मदद मिल सके और अपनी एक्स्ट्रा मनी आरबीआई के पास जमा ना करे. यह निर्णय सीधा जनता को फायदा पहुंचायेगा.

साथ ही बैंक भी इस वक़्त कई मुश्किलों का सामना कर रहे है. 3 महीने की किश्त लेने पर पाबंदी है. एनपीए का खतरा बढ़ रहा है. ऐसे हालात में गैर वित्तीय संस्थाओं NBFCs को 50000 करोड़ की मदद देना बैंकिंग सिस्टम में जान फूंकने वाला कदम है. अमित ने बताया कि पूरा विश्व गहरी मंदी और नुकसान का सामना कर रहा है. ऐसे में भारत अगर कोरोना पर जल्द ही काबू पाने में सफल होता है तो भारत की अर्थव्यस्था अन्य देशों की तुलना में बहुत बेहतर हो सकती है. सारा का सारा दारोमदार कोरोना के नियंत्रण पर निर्भर है.