रायपुर. बोलते हैं जीवन जीने के लिए रोटी, कपड़ा और मकान चाहिए. हर आदमी अपने ऊपर पर एक छत चाहता है, जिसमें वह धूप छांव से बच सकें. जहां वह सुकून से रात को सो सके. इसलिए हर आदमी अपना एक घर का सपना संजोता है. ऐसा ही सपना प्रशांत खलको ने एक घर का सपना देखा और अपने परिवार के लिए एक छत की चाहत की. इसी सोच और चाहत के साथ प्रशांत ने छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड से दुर्ग संभाग के कुम्हारी परसदा में एलआईजी 13 ब्लाक प्रथम तल में फ्लैट नं.201 खरीदा. लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी हाउसिंग बोर्ड फ्लैट सौंप नहीं सका. अभी भी सड़क, बिजली और पानी की समस्या बताई जा रही है.

 

सांकेतिक फोटो

अधिकारियों ने प्रशांत को 2018 दिसंबर में घर का पजेशन देने कहा था. लेकिन वह नहीं हुआ. घर तो कम्पलीट था, लेकिन बिजली, पानी और सड़क की समस्या बताई गई. इस बीच प्रशांत ने पता किया कि घर कब तक दिया जाएगा. तब पता चला कि छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड वह सारे काम ठेकेदारों के भरोसे ही कराता है. घर किसी एक ठेकेदार ने बनाया. वहीं जो सुविधाएं हैं, उसे अन्य ठेकेदार द्वारा कराया जाता है. वह भी अलग-अलग. बिजली का ही टेंडर तीन या चार बार में हुआ है.

इस बीच 2017 अगस्त में अधिकारी भी बदल गए. वहां कार्यरत कर्मचारी से जानकारी चाही तो सिंतबर और अक्टूबर माह तक देने को कहा था. जब नए अधिकारी विनोद गहरवार आए तो उन्होंने कहा कि अभी तो मैंने पद भार संभाला है. जनवरी तक बताऊंगा. उसके बाद जनवरी 2018 में मार्च तक फ्लैट देने की बात कही. मार्च 2018 में जब पूछा गया तो कहा कि जिनके पास में सड़क बन गए हैं, उन्हें मकान सौंपेगे. प्रशांत ने जब फ्लैट नहीं मिलने की सवाल किया तो इस पर कहा कि ब्लाक के तरफ सड़क टेन्डर हो गया. बस काम शुरू होने वाला है. हाऊसिंग बोर्ड के अधिकारी प्रिवेश साहू ने कहा कि जून तक आपका रजिस्ट्री हो जाएगा या फिर आप चाहे तो रजिस्ट्री करा सकते हैं.

जून माह में फिर अधिकारियों से पता किया तो नया तारीख बता दिया. इस बार फिर एक नई समस्या बता दी. अधिकारियों ने कहा कि सिवरेज पाईप नहीं जुड़ा है, तीन माह का समय लगेगा काम पूरी करने के लिए. अधिकारियों ने 2018 की दिवाली मे घर देने का आश्वासन दिया था. जब प्रशांत ने अक्टूबर 2018 में फोन किया तो वहां निराशाजनक जवाब मिला. अधिकारियों ने कहा कि काम चल रहा है. सड़क को ठेकेदार नहीं बना रहा.

जब उनसे कहा गया कि ठेका तो एक निश्चित अवधि के लिए होता है तो उन्होंने जवाब दिया एक वर्ष के लिए यानि कि मार्च से अक्टूबर के बीच 7 माह में सड़क का काम हो जाएगा. बाकी पानी और बिजली में समय लगेगा, लेकिन साल दर साल निकल गया. अधिकारियों से पूछने पर एक ही जवाब दिए जा रहे हैं कि आपको फ्लैट मिल जाएगा. लेकिन अधिकारी 100 मीटर सड़क भी बना नहीं पाए हैं. पांच साल बीत जाने के बाद भी हाउसिंग बोर्ड फ्लैट नहीं दिया. एक कामगार को काम छोड़कर हाउसिंग बोर्ड ऑफिस का बार-बार चक्कर लगाना पड़ रहा है.

इस बारे में हाउसिंग बोर्ड के पीआरओ प्रिवेश साहू से पक्ष लिया गया. इस पर उनका कहना है कि सड़क, बिजली और पानी का काम बाकी है. ठेकेदार को टेंडर दे चुके हैं. एक साल में काम पूरा हो जाएगा.

बता दें कि कुम्हारी के प्रोजेक्ट के साथ आरंग पिरदा और कचना में भी काम शुरू हुआ था, जहां लोग अक्टूबर 2017 में ही बस गए. इसी से पता चलता है कि अधिकारी कितने उदासीन है. जो फ्लैट दिसंबर 2018 में देने का आश्वसन दिया था, उसे अब एक साल में देने की बात कही जा रही है.