जगदलपुर। आम आदमी पार्टी की नेता सोनी सोरी ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने जिन 34 लोगों को नक्सली बताकर गिरफ्तार किया है वो नक्सली नहीं बल्कि वहां के स्थानीय ग्रामीण हैं. सोनी सोरी ने बताया कि ये वही ग्रामीण है जिन्हें सुरक्षाकर्मी मंगलवार को बहला-फुसलाकर बात करने के नाम पर ले गई थी और उसके बाद से बता नहीं रही थी कि कहां रखा है.
सोनी सोरी ने कहा कि जगदलपुर में जब उन्होंने शनिवार को इन गिरफ्तार लोगों के परिजनों के साथ प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि गांव के सभी पुरुषों को उठा लिया है. और उन्हें कहां रखा गया है ये नहीं बता रही है. सोनी सोरी का आरोप है कि जब ये खबर रविवार को अखबारों के जरिए सामने आई तो मजबूरन पुलिस को उन्हें इसी दिन गिरफ्तार दिखाना पड़ा. उन्होंने कहा कि पुलिस 40 ग्रामीणों को उठाकर ले गई थी लेकिन बाद में इसमें से 6 को रिहा कर दिया.
सोनी सोरी का कहना है कि सुरक्षाबलों ने बुरकापाल की घटना के बाद गांव के एक युवक को नक्सली बताकर मार दिया था. इसके बाद गांव के सभी पुरुष डर से वहां से भाग गए थे. सोरी का कहना है कि बाद में जवानों ने महिलाओं को कहकर उन्हें बुलवाया. और फिर जब वे आए तो उनसे बात करने की बात कहकर मंगलवार को अपने साथ कैंप में रख लिया. इसके बाद जब अगले दिन महिलाएँ उनके पास गई तो उन्होंने कहा कि गांव के सभी पुरुष जा चुके हैं. इसके बाद इन महिलाओं ने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा.
सोनी सोरी पहले ही कह चुकी हैं कि इस मामले को लेकर वो कोर्ट में जाएंगी. उन्होंने कहा कि इन महिलाओं को लेकर जगदलपुर या रायपुर में इस गिरफ्तारी के विरोध में धरना देंगी.