रायपुर. भिलाई स्टील प्लांट में आग लगने से 13 कर्मचारियों की मौत हो गई और 14 से अधिक कर्मचारी घायल हो गए. आखिर भिलाई स्टील प्लांट के कोक ओवन की बैटरी नंबर 11 की घटना क्यों हुई. गैस पाइप लाइन में अचानक जोर से धमाका क्यों हुआ ये टेक्निकल एक्सपर्ट ने बताया. पढ़िए कोक ओवन की टेक्निकल जानकारी और घटना के दिन की पूरी कहानी विस्तार से –
टेक्निकल कोक वन एक महीना पहले पाइप को ब्लैंक करते हैं. जैसे लीकेज रहता है, वहां काम करने ले लिए. उस क्षेत्र में काम करने के लिए जहां गैस आती है. (जो पहले खाली करते हैं उसे ब्लैक बोलते हैं. आज उनको डिब्लैंक करना था. स्टार्ट करके गैस प्रवाहित करना था. तो इसी में हादसा हो गया.)
बीच में जॉइंट होता है. उस जॉइंट में प्लेट डालते हैं. और पैकिंग डालते हैं. तो एक महीना लगता है उसको करने के लिए. तो एक महीने में खाली करके पूरा काम कर लेते हैं. उसके बाद पैकिंग करने के बाद में, आज उसको लाइन चालू करना था. 18 सौ एमएम का पाइप है और इसमें 50-52 नट बोल्ट होता है. हैवी नट बोल्ट रहते हैं.
इस काम को करने में तीन ग्रुप लगता है, तो पहले ग्रुप सुबह चढ़ा, तो 50 नट खोल दिए. और नीचे उतर गए, चाय पानी का टाइम हो गया तो. टाइम लगता है इस काम में, लगातार काम करने की जरूर नहीं रहती. तीन चार घंटे में काम करके ये वापस आ गए,
फिर सेकंड ग्रुप चढ़ा. पैकिंग निकाल कर टाइट करने का काम करना था. फाइनली नट बोल्ट टाइट करने गए तो एक दो नट बोल्ट छोड़ दिए, पूरा नट बोल्ट डिसकनेट हो जाएगा तो डिसलॉकेट हो जाएगा. इसलिए पूरा नट बोल्ट टाइट नहीं करते, एक-दो छोड़ देते हैं.
इसके बाद जब तीसरा ग्रुप चढ़ा और प्लेट निकाल लिया होगा. इस समय वहां से गैस प्रवाहित हुई तो उसके बीच में कही कोई चिंगारी निकली होगी, किसी भी कारण से कहीं अगल बगल वेल्डिंग हो रहा होगा. तो ब्लास्ट हो गया. ये इतनी खतरनाक होती है कि ये प्रवाहित होती है तो स्मैल नहीं होती. आग कब गुजर जाएगी और आप कब सब खत्म हो जाएगे कुछ पता नहीं चलेगा. ये गैस वहां से गुजरी और कहीं न कहीं चिंगरी उड़ी, जिसकी वजह से ये ब्लास्ट हो गया. दूसरी बात ये जमीन में नहीं आती हवा में ही ब्लास्ट होती है. बम से भी खतरनाक है.
आग लगने से आक्सीजन मिला और वहीं ब्लास्ट हो गया. जितने दूर तक पॉवर होगा उतने दूर तक फैल जाता है. और जलते हुए फैलेगा. जो इसके बीच में आएगा उसको चपेट में ले लेगा. इस प्रकार मौके पर जो 6 लोग थे वे उसकी जान वहीं चली गई. बगल में फायर ब्रिगेड तैनात रहता है. ये लोग सब अलर्ट रहते हैं अगर कोई हादसा होगा तो हम गैस या पानी मारेंगे. लेकिन ये जब ब्लास्ट हुआ तो किसी को मौका नहीं मिला संभलने के लिए , फायर ब्रिग्रेड वाले 5 लोग भी जलकर खत्म हो गए.
कटर गैस सिलेंडर भी रखा था
कहीं न कहीं चिंगारी निकली है. वहां पे एक गैस सिलेंडर भी रखा हुआ था. ब्लास्ट के बाद एक गैस सिलेंडर भी फटा. गैस सिलेंडर जो कटिंग में काम आता है. वो भी कोई कर्मचारी काम कर रहा था तो दो ब्लास्ट हुए वहां पर. 45 मिनट तक जलते रहे. फायर ब्रिगेड वाले भी जल गए, इस बीच कुछ करने वाला इसके पास कोई नहीं था. जब तक किसी को खबर करते तब तक 45 मिनट लग गया.