हेमंत शर्मा, इंदौर। विजयपुर उपचुनाव में मिली हार के बाद रामनिवास रावत ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद वन महकमा किसके हिस्से में आएगा, जिसे लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है। इस बीच पूर्व वन मंत्री नागर सिंह चौहान ने दबी जुबान में दावेदारी पेश कर दी। उन्होंने इच्छा जताते हुए कहा कि फिर से जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हूं। सीएम और संगठन जो जिम्मेदारी देगा, उसे निभाऊंगा। 

कार्यकर्ताओं की इच्छा है मैं वन मंत्री बनूं: नागर सिंह चौहान  

पूर्व वन मंत्री नागर सिंह चौहान ने कहा कि फिर से वन मंत्री बनने के लिए तैयार हूं। कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि मैं वन मंत्री बनूं। दिल्ली में प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से मंत्रिमंडल को लेकर चर्चा हुई है। ऐसे में चौहान के बयान से साफ है कि वह फिर से वन मंत्री बनना चाहते हैं। हालांकि, अब पूरा फैसला आलाकमान के हाथों में है। 

सीएम के विदेश यात्रा से लौटते ही हो सकता है फैसला 

बता दें कि उपचुनाव में मिली हार के बाद रामनिवास रावत का इस्तीफा होल्ड है। जल्द ही सीएम के विदेश यात्रा से लौटते ही इस पर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। अगर इस्तीफा मंजूर हो गया तो बीजेपी में नए वन मंत्री की तलाश तेज हो जाएगी। लेकिन सीएम के नामंजूर करने की दशा में छह महीने की समय सीमा के तहत रावत जनवरी 2025 के पहले सप्ताह तक मंत्री पद पर रह सकते हैं। 

रेस में ये नाम आगे

इस दावेदारी में अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान का नाम सबसे आगे देखा जा रहा है, क्यों कि राम निवास रावत के मंत्री बनने पर नागर से ही वन विभाग लेकर रावत को सौंपा गया था। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के राज्य मंत्री गौतम टेटवाल, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री कृष्णा गौर के नाम का चर्चा भी जोरों पर है। इधर, बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह और संजय पाठक ने भी मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए जोर लगाना शुरू कर दिया है। वन विभाग को लेकर पूरी कवायद की स्थिति मुख्यमंत्री के विदेश दौरे से लौटने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी।

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