इस समय ऑटो सेक्टर में रियल ड्राइविंग एमिशन यानी RDE सबसे हॉट टॉपिक है. सरकार ऑटो सेक्टर के लिए नए नॉर्म को लागू करने जा रही है, जिसका उद्देश्य गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को कम करने का है. देश में अप्रैल 2023 से लागू होने वाले (Real Driving Emission norms) नियम के रूप में कई डीजल कारें इंडियन मार्केट से गुम हो जाएगी. जिनको वाहन निर्माता कंपनियां बंद कर देगी. इस खबर में आपको बताने जा रहे हैं, रियल ड्राइविंग एमिशन क्या होता है? वाहन निर्माण करने वाली कंपनियां अपनी गाड़ियों में क्या बदलाव करेंगी? साथ ही इसके फायदे और नुकसान के बारे में.

रियल ड्राइविंग एमिशन क्या है?

Real Driving Emission को BS6 के दूसरे चरण के तौर पर देखा जाता है. बीएस6 को पहली बार 2020 में पेश किया गया था. अभी तक गाड़ी का प्रदूषण स्तर जांचने के लिए प्रयोगशाला का सहारा लेना पड़ता था, लेकिन अब रियल ड्राइविंग एमिशन के लागू होने से वाहन की वास्तविक समय में उत्सर्जन स्तर की निगरानी रखी जा सकती है. इसके लिए अब इंजन को थोड़ा एडवांस डिजाइन किया जाएगा.

वाहन निर्माण करने वाली कंपनियां करेंगी ये बदलाव

नए नियम के लागू हो जाने के बाद गाड़ी बनाने वाली कंपनियां अपने मौजूदा इंजन में यूज होने वाली तकनीक को अपडेट करेंगी. डीजल इंजन वैसे भी महंगा पड़ता है, ऐसे में नए नॉर्म के तहत आने वाली डीजल गाड़ियां अधिक महंगी हो जाएंगी. 1 अप्रैल 2023 से लागू होने वाले इस नियम के चलते बहुत सी कंपनियों ने पुरानी गाड़ियों को बंद करने का फैसला लिया है. अब वे नए इंजन के साथ अपनी गाड़ियों को वापस लाने के लिए तेजी से काम कर रही हैं.

आरडीई लागू होने के फायदे

आरडीई को सभी वाहनों में जरूरी करने से यह फायदा होगा कि इससे प्रदूषण में कमी लाई जा सकेगी. इसके लिए कंपनियों को अपने उत्पादों में दिए जाने वाले इंजन को अपडेट करना होगा, जिसके बाद यह इंजन और बेहतर हो जाएंगे और मौजूदा वाहनों के मुकाबले काफी कम प्रदूषण करेंगे. इसका सीधा फायदा लोगों के स्वास्थ्य पर होगा, क्योंकि बढ़ते प्रदूषण के कारण देशभर में काफी लोगों को गंभीर बीमारियां हो रही है. साथ ही इसका बुरा असर पर्यावरण पर भी हो रहा है.

ये कारें हो सकती हैं बंद

होंडा सिटी फोर्थ ​जनरेशन
होंडा सिटी फिफ्थ ​जनरेशन डीजल
होंडा अमेज डीजल
होंडा जैज
होंडा डब्ल्यूआर वी
महिंद्रा ​मराजो
महिंद्रा अल्टुरस G4
महिंद्रा केयूवी 100
हुंडई वर्ना डीजल
स्कोडा ओक्टिवा
स्कोडा सुपर्ब
टाटा ​अल्टरोज डीजल
रेनो क्विड 800
निसान किक्स
​मारुती आल्टो 800
टोयोटा इनोवा क्रिस्टा पेट्रोल