रायपुर. वर्तमान महंगाई को देखते हुए सभी आवश्यक कार्य जैसे दैनिक कार्य, बच्चों की शिक्षा विवाह के लिए हो या मकान वाहन के लिए आर्थिक संकट हो सकता है. इन परिस्थितियों में कई बार कर्ज लेना जरूरी हो गया है. कुछ कर्ज आसानी से चुक जाते हैं, तो कई कर्ज बोझ बढ़ाने का ही कार्य करते हैं. कर्ज लेते समय नक्षत्र, लग्न एवं राशि पर विचार करते हुए अपनी ग्रह दशाओं के अनुकूल, प्रतिकूल परिस्थितियों का निर्णय लेते हुए कर्ज लिया जाए, तो बोझ ना होकर ऐश्वर्या और उन्नति बढ़ाने का साधन भी बन सकता है.

किसी व्यक्ति की कुंडली में भाग्येश, आयेश या सुखेश विपरीत कारक हो और इनमें से किसी की दशा चल रही हो तो लिया गया कर्जा आसानी से नहीं चुकता. चर लग्न में कर्जा लेना इसलिए उचित होता है, क्योंकि इस लग्न में कर्ज आसानी से चुक जाता है, लेकिन इस लग्न में कर्ज देना उचित नहीं होता.

वहीं पर द्विस्वभाव लग्न में लिया गया कर्ज चुकाने के उपरांत भी चुका हुआ नहीं दिखता. स्थिर लग्न में लिया गया कर्ज चुकाने में बहुत कष्ट, विवाद की संभावना होती है अतः इन लग्नों में कर्ज लेने से बचना चाहिए. उसी प्रकार प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में अपनी राशि तथा ग्रह स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए कर्ज लेना या देना चाहिए.

इस प्रकार यदि कोई कर्ज परेशानी का सबब बन गया हो तो उसे शनि की शांति कराना, काली वस्तुओं का दान करना एवं मंत्रजाप करना चाहिए. शनिवार को ऋणमुक्तेश्वर महादेव का पूजन करना चाहिए. श्रीहनुमानजी के चरणों में मंगलवार और शनिवार को तेल और सिंदूर चढ़ाएं तथा बजरंग बाण का पाठ करें.

इसके अलावा अन्य उपाय भी लाभकारी होते हैं जिनमें से अपने घर के ईशान कोण को सदैव स्वच्छ व साफ रखें. ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करने से अवश्य लाभ होता है. मंगलवार को शिव मंदिर में जाएं और शिवलिंग पर मसूर की दाल “ॐ ऋण-मुक्तेश्वर महादेवाय नमः” मंत्र कहते हुए चढ़ाएं. लाल मसूर की दाल का दान करने से भी लाभ मिलता है. गजेन्द्र-मोक्ष-स्तोत्र” का नित्य एक पाठ करना चाहिए.