कई विद्यर्थियों को परीक्षा के बारे में सोचकर ही बेचैनी महसूस होने लगती है. मन में कई विचार घूमने लगते हैं, – क्या मैं सभी प्रश्नों का उत्तर दे पाउंगा? थोड़ा और पढ़ लेता तो अच्छा होता. ये विचार लगभग हर विद्यार्थी को परेशान करते हैं, चाहे कितनी भी अच्छी तैयारी क्यों ना हो. थोड़ा-बहुत दबाव बेहतर प्रदर्शन के लिए मददगार होता है. इससे शरीर में एड्रिनलिन हारमोन स्त्रावित होता है जो व्यक्ति को सचेत बनाए रखता है. हल्का तनाव या दबाव होना स्वाभाविक है लेकिन ज्यादा घबराहट परेशानी का सबब बन जाती है. इस में सरस्वती चालीसा का पाठ काफी सहायता देगा.
यह व्यक्ति के चारों ओर एक नकारात्मक घेरा बना देती है और फिर वो एकाग्र होकर सोच-समझ नहीं पाता. इसका बुरा प्रभाव पड़ता है प्रदर्शन पर क्योंकि विद्यार्थी न तो प्रश्नों पर अपना ध्यान केंद्रित कर पाता है और न सटीक उत्तर ही दे पाता है. ऐसे कई उपाय हैं जिनसे परीक्षा का भय दूर किया जा सकता है ताकि विद्यार्थी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें.
ज्योतिष का प्राचीन विज्ञान आपका मार्गदर्शन कर सकता है. एक ज्योतिषी आपको सही विषय चुनने में मदद कर सकता है, संबंधित विषयों के अध्ययन में उत्कृष्टता प्राप्त करा सकता है और जीवन को ऊंचा उठाने में अहम रोल अदा कर सकता है. बहुत सारे ज्योतिषीय उपाय है, जो छात्रों को पढ़ाई में उत्कृष्टता दिला सकते हैं. इन उपायों में हवन, अनुष्ठान और पूजा आदि शामिल हो सकता है. लेकिन आपके जन्म के ग्रहों के अध्ययन और उसके अनुसार सही उपाय करने से निश्चित रूप से इन उपर्युक्त अनुष्ठानों से आपको ज्यादा मदद मिल सकती है.
यदि चंद्रमा, बुध, बृहस्पति जैसे ग्रहों कुंडली में नकारात्मक स्थान पर बैठा हुए हैं, तो शिक्षा में कठिनाई होने की संभावना है. ये ग्रह पढ़ाई और संबंधित क्षेत्रों जैसे एकाग्रता, ग्रहण, ज्ञान और तर्क शक्ति इत्यादि से वास्ता रखते हैं. कुंडली में 5वां भाव विद्यालय का प्रतिनिधित्व करता है, चौथा भाव कॉलेज के अध्ययन के बारे में है और 9वां घर उच्च शिक्षा जैसे परास्नातक डिग्री के विषय में बतलाता है.
यदि बुध और बृहस्पति का यहां शुभ प्रभाव पड़ता तो यह आपके बच्चे की शैक्षणिक संभावनाओं को उज्ज्वल कर सकता है. जब लग्न पर बृहस्पति का प्रभाव होता है, तो व्यक्तिगत अध्ययन द्वारा ज्ञान प्राप्त करता है.
हालांकि, अगर इसमें शनि के रूप में बाधा आती है, तो यह एकाग्रता में समस्याएं पैदा कर सकता है. इसके लिए उपाय करने चाहिए जिसमें कि – पढ़ाई के लिए बैठते समय उत्तर या पूर्व या उत्तर पूर्व की ओर मुख करके बैठना चाहिए. अध्ययन कक्ष में कूड़ा-करकट वाली चीजों को नहीं रखना चाहिए. यह धूल से रहित होना चाहिए. स्वच्छता सकारात्मक ऊर्जा देती है. इसका मन पर सुखदायक प्रभाव पड़ता है.
सरस्वती कवच या गणेश रूद्राक्ष पहनाना चाहिए, जो 4 या 5 मुखी होता है. देवी सरस्वती और भगवान गणेश की हर दिन उपासना करना भी सौभाग्य को आमंत्रित करती है. हर बुधवार को ‘ॐ गं गणपतये नमः‘ मंत्र का जाप करना चाहिए. श्री सरस्वती चालीसा का पाठ भी फायदेमंद रहेगा.
सरस्वती मंत्र- ॐ ऎं सरस्वत्यै ऎं नमः का 108 बार दैनिक रूप से जप कर सकते हैं. एक क्रिस्टल माला के उपयोग से ‘ॐ ऎं नमः‘ मंत्र का जाप करना भी श्रेयस्कर रहेगा. आप पढ़ाई की जगह पर सिद्ध किए हुआ सरस्वती यंत्र भी रख सकते हैं. हर गुरुवार को सुबह में आपको गुरु स्तुति करना चाहिए. दैनिक रूप से गायत्री महामंत्र का जाप करें. यह छात्रों के लिए सबसे अच्छा मंत्र है. आप किसी बुद्धिमान ज्योतिषी से परामर्श करके पीला पुखराज या बुध के रत्न पन्ना आदि धारण कर सकते हैं.