लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई कि उत्तर प्रदेश ने जून 2025 में रिकॉर्ड 31,486 मेगावाट बिजली की मांग पूरी की है. इस दौरान 16,930 मिलियन यूनिट बिजली की आपूर्ति की गई, जबकि बढ़ती उमस और तापमान ने खपत को अप्रत्याशित रूप से बढ़ा दिया था.

शहरी क्षेत्रों में औसतन 24 घंटे, तहसील स्तर पर 21.5 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली आपूर्ति की गई. मुख्यमंत्री ने इसे “सकारात्मक संकेत” बताया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि हर मौसम में निर्बाध बिजली देना अब प्राथमिकता होनी चाहिए.

इसे भी पढ़ें : योगी सरकार ने मुंबई में लॉन्च किया UPITS 2025 का मेगा रोडशो, UP के उत्पादों को मिलेगी नई पहचान

मुख्यमंत्री को यह भी बताया गया कि वर्तमान में राज्य की उत्पादन क्षमता 11,595 मेगावाट है, जो घाटमपुर, खुर्जा, मेजा और पनकी जैसी परियोजनाओं के पूरा होने के बाद 16,000 मेगावाट से अधिक हो जाएगी. साथ ही अब तक 31 लाख उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर से जोड़ा जा चुका है, और इस अभियान को ब्लॉक स्तर तक विस्तार देने के निर्देश दिए गए हैं. कृषि क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए हैं, जिसमें ट्यूबवेलों को सौर ऊर्जा से जोड़ना और कृषि फीडरों का तेजी से पृथक्करण शामिल है, जिससे किसानों को स्थायी बिजली राहत मिल सके.