सुप्रिया पाण्डेय, नई दिल्ली. पुराने वाहनों को सड़क से हटाने की प्रक्रिया पर काम चल रहा है जिसे लेकर जल्द ही प्रस्ताव पर मंजूरी मिल सकती है. यह नियम दोपहिया वाहन समेत सभी वाहनों पर लागू होगी. वित्त मंत्री ने कहा है कि पूराने वाहनों को सड़क से हटाए जाने का काम चल रहा है.

इस नीति को मंजूरी मिलने के बाद वाहनों का विनिर्माण किया जाएगा और वाहन उद्योग से जुड़ा माल जैसे स्टील, एल्युमीनियम और प्लास्टिक कबाड़ के रिसाइकिल किया जाएगा जिससे वाहनों की कीमत में 20 से 30 फिसदी तक के कमी आएगी. 15 वर्ष पूराने वाहनों को हर 6 महिने में फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होगा जिसकी समयसीमा अभी एक वर्ष है.

वाहन कबाड़ नीति को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है जिसे मंजूरी मिलते ही 2005 से पहले के वाहनों को फिटनेस करवाना होगा साथ ही 2005 से पहले खरीदे गए वाहनों का रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा. आंकड़ों के अनुसार लगभग दो करोड़ से ज्यादा वाहन सड़कों पर है.

जानकारी के अनुसार वाहनों को दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना महंगा पड़ सकता है क्योंकि नए वाहनों के मुकाबले पूराने 10 से 25 प्रतिशत तक ज्यादा प्रदूषण फैलाते है. यदि वाहनों का रखरखाव भी सावधानी के किया जाए फिर भी पूराने वाहनों से ज्यादा प्रदूषण फैलता है जो सड़क सुरक्षा के लिए भी हानिकारक है. वाहनों की रजिस्ट्रेशन शुल्क बढ़ाए जाने को लेकर भी कवायद शुरू कर दी गई है.

ऐसे वाहनों का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है गाड़ी में लगे एयरबैग्स, साइलेंसर में मिलने वाली धातु समेत विभिन्न प्रकार के वाहन सामग्रियों को इको फ्रेंडली ढ़ंग से निपटान किया जाएगा.