रायपुर। भारतीय जनता पार्टी ने धान मूल्य की अंतर राशि को लेकर कांग्रेस के प्रलाप को निम्नस्तर की राजनीति का परिचायक बताते हुए कहा है कि लाभान्वित किसानों में भाजपा के बड़े नेताओं के नामों की सूची जारी करके प्रदेश सरकार और कांग्रेस अपनी सोच के दीवालिएपन से उबरने को तैयार ही नहीं हैं। भाजपा ने कटाक्ष किया कि ज्यादा अच्छा तो तब होता जब कांग्रेस अपनी सरकार के मुख्यमंत्री समेत उन सभी मंत्रियों के नाम भी इस सूची में शामिल करती जिनका हाल ही एक समाचार पत्र में कोरोना वॉरियर्स के तौर पर गुणगान हुआ है। कांग्रेस बताए तो कि इन मंत्रियों के खातों में धान मूल्य के अंतर की कितनी-कितनी राशि जमा हुई है? इनमें से कितने मंत्रियों को अंतर राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा करने के लिए कांग्रेस कहने का साहस दिखाएगी?

भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संदीप शर्मा ने कहा कि भाजपा के नेता तो किसानों के शुरू से हितैषी रहे हैं और किसानों का सम्मान कर इनके कल्याण की कई योजनाओं पर भाजपा की प्रदेश और केंद्र सरकार ने काफी काम किया। शर्म तो कांग्रेस के नेताओं को महसूस होनी चाहिए जिन्होंने किसानों के साथ लुभावने वादे करके सत्ता में आते ही उन वादों से मुकरने का अपना राजनीतिक चरित्र जाहिर करने में जरा भी देर नहीं लगाई। श्री संदीप शर्मा ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस के नेता पहले किसानों की आधी-अधूरी कर्जमाफी को पूर्ण कर्ज माफी करने का प्रयास करें। दो साल के बकाया बोनस के वादे से मुकरने वाली कांग्रेस और उसकी प्रदेश सरकार यह न भूले कि हर किसान का सारा कर्ज माफ करने का वादा हाथ में गंगाजल लेकर कसम खाकर कांग्रेस ने किया था और सत्ता में आने के बाद उसने आधा-अधूरा कर्ज माफ करके किसानों के साथ अब तक की सबसे बड़ी और शर्मनाक दगाबाजी का परिचय दिया है, जबकि कर्जमाफी और पूर्ण शराबबंदी के नाम पर ही प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को सत्ता सौंपी थी।

भाजपा किसान नेता संदीप शर्मा ने कहा कि धान मूल्य की अंतर राशि की पहली किश्त का भुगतान कर कांग्रेस ने लाभान्वित किसानों के तौर पर जिस तरह भाजपा के बड़े नेताओं के नामों की सूची जारी की है, वह दरअसल किसानों के साथ की जा रही दगाबाजी से लोगों का ध्यान भटकाने का हथकंडा है। कांग्रेस के बड़े नेताओं ने भी तो भाजपा शासन में बोनस समेत किसानों के हित की तमाम योजनाओं का लाभ लेकर बोनस की रकम चुपचाप हजम कर ली थी। उन्होंने कहा कि किसानों से धान मूल्य के तौर पर 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल का तुरंत एकमुश्त भुगतान करने का कांग्रेस सरकार ने वादा किया था लेकिन उसने पूरा भुगतान नहीं किया। फिर अंतर राशि का भुगतान अप्रैल तक एकमुश्त करने का ऐलान किया था जिसे अब वादाखिलाफी कर किसान न्याय योजना की सियासी लफ्फाजी कर चार किशतों में प्रदेश सरकार दे रही है। आज अंतर राशि के नाम पर किसानों पर अहसान जताकर कांग्रेस किसानों के आत्म-सम्मान से एक बार फिर खिलवाड़ कर अपनी गंदी राजनीतिक मानसिकता का परिचय दे रही है।

भाजपा किसान सहकारी नेता अशोक बजाज ने कहा कि भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक से सवाल करने वाली कांग्रेस ही किसानों से नफरत का परिचय सत्ता में आने के बाद से लगातार दे रही है। पिछले खरीफ सत्र में धान खरीदी की शुरुआत से ही प्रदेश सरकार किसानों से एक तरह की दुश्मनी भंजाती नजर आई है। पहले खरीदी को एक माह टाल दिया, फिर धान का रकबा घटा दिया, टोकन देने के लिए नित-नए तुगलकी फरमान जारी कर किसानों को परेशान किया, बारदाना तक देने में आनाकानी की। फिर धान भंडारण को लेकर किसानों पर छापेमारी कर किसानों को अपराधी साबित करने का शर्मनाक कृत्य किया। कुल मिलाकर, सरकार ने किसानों के आत्म-सम्मान को लहूलुहान करने का काम किया। बजाज ने कहा कि आज भी किसान अपना धान बेचने के लिए परेशान हो रहा है और सरकार उसके हक के पैसे देने में जी चुरा रही है। कोरोना संकट के इस दौर में भी प्रदेश सरकार किसानों की अंतर राशि का एकमुश्त भुगतान तक नहीं करके संवेदनहीनता की पराकाष्ठा ही कर रही है।