विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने फरियादियों की शिकायतों में लापरवाही को गंभीरता से लिया है. इसको लेकर प्रदेश के सभी डीएम को अब रोजाना रेंडम तरीके से दो अंसतुष्ट फीडबैक वाले आईजीआरएस प्रकरणों की समीक्षा कर जांच करने के निर्देश जारी किए गए हैं. साथ ही शिकायत निवारण करते वक्त भ्रामक आख्या लगाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की भी बात कही गई है.
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने शुक्रवार की शाम सभी कमिश्नर/जिलाधिकारी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में निर्देश दिए. सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि समय निस्तारण के समय वह एक बार आवेदक से अवश्य बात करें या मौके पर जाकर वास्तविक स्थिति देखें. उन्होंने कहा कि एक बार पुनः शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में निरीक्षण कराया जाए और शत-प्रतिशत निराश्रित गोवंश को गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित किया जाए.
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पीएम सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि योजना के तहत प्रदेश में 25 लाख घरों को सौर ऊर्जा से आक्षादित करने का लक्ष्य है. उन्होंने 31 दिसम्बर, 2025 तक सभी शासकीय भवनों में सोलर पैनल लगाने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये.
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