अमृतांशी जोशी, भोपाल। एमपी में पदोन्नति को लेकर बड़ी खबर आई है। सात साल से रुकी पदोन्नति की राह खुल सकती है। पदोन्नति में आरक्षण के नियमों को अंतिम रूप दे दिया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने मंत्रिपरिषद समिति की बैठक बुलाने का प्रस्ताव भेजा है। बैठक अगले महीने होने की संभावना है।
बता दें कि साल 2016 में मध्यप्रदेश में पदोन्नति नियम 2002 को जबलपुर उच्च न्यायालय ने निरस्त कर दिया था। करीब 35 हजार कर्मचारी पदोन्नत बगैर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में गठित की गई तीन बार बैठक भी हुई। बावजूद इसके अबतक इस पर निर्णय नहीं हो पाया। साल-2023 में विधानसभा और लोकसभा चुनाव होने है। संभावना जताई जा रही है कि सात साल से रुकी पदोन्नति की राह अब खुल सकती है। अब इन्हें अंतिम रूप देकर कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाना है।
प्रदेश में होने वाले बाल विवाह को लेकर प्रशासन सख्त हो गया है। बाल विवाह रोकने एमपी में लाडो अभियान चलेगा। लाडो अभियान के तहत शादी के निमंत्रण पत्र वर और वधू की आयु लिखने होगी। टीमें अक्षय तृतीया और विवाह मुहूर्त के मौके पर विशेष नजर रखेगी। क्योंकि इन दो दिनों में काफी संख्या में बाल विवाह होता है।
बाल विवाह रोकने सभी प्रिंटिंग प्रेस को भी सभी जिलों कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं। सामूहिक विवाह सम्मेलन कमेटियों से भी बाल विवाह नहीं करवाने प्रशासन शपथ पत्र लेगी। बाल विवाह होता मिला तो शादी में काम करने वाले कैटरर्स,प्रिंटिंग प्रेस,धर्मगुरु और टेंट हाउस, डीजे और बैंड बाजे वालों पर भी कार्रवाई होगी।
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