सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के फर्जी दावों पर कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर के 28 अस्पतालों में दबिश दी. जांच के बाद 15 अस्पतालों का पंजीयन एक वर्ष के लिए निरस्त कर दिया गया, जबकि 4 अस्पतालों का 6 माह और 4 का 3 माह के लिए पंजीयन निलंबित किया गया. इसके अलावा 5 अस्पतालों को चेतावनी दी गई है. यह भी पढ़ें : बड़ी खबर : भाजपा विधायक ने दी बगावत करने वालों को धमकी, पार्टी के लिए काम करें नहीं तो… वीडियो वायरल

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) की नेशनल एंटी फ्रॉड यूनिट समय-समय पर फर्जी दावों की पहचान कर ट्रिगर भेजती रही है. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ शासन ने विस्तृत परीक्षण कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे, जिसके बाद राज्य नोडल एजेंसी ने संदिग्ध अस्पतालों की पहचान कर राज्य एवं जिला स्तरीय अधिकारियों की विशेष बैठक बुलाई. रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर जिलों में व्यापक निरीक्षण अभियान चलाया गया, जिसमें डॉक्टरों और प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त टीमों ने प्रत्येक दिन दो अस्पतालों की गहन भौतिक जांच की.

निरीक्षण के दौरान अनियमितताओं के प्रमाण पाए जाने पर सभी 28 अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए और जवाब देने के लिए पर्याप्त समय दिया गया. अस्पतालों द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण समाधानकारक नहीं पाए गए, जिसके आधार पर नियमानुसार कार्रवाई की गई है.

सीएम साय ने बताया कार्रवाई को जरूरी

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस कार्रवाई को जरूरी बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना और शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना का उद्देश्य प्रदेश के हर नागरिक को सुलभ और निःशुल्क चिकित्सा सेवा प्रदान करना है. उन्होंने चेतावनी दी कि अनियमितता करने वाले अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और इस तरह की अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा – आगे भी होगी कार्रवाई

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार स्वास्थ्य योजनाओं की पारदर्शिता को लेकर पूरी तरह गंभीर है, और जो भी अस्पताल नियमों का उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी. आयुष्मान योजना का लाभ केवल योग्य लाभार्थियों तक सही रूप में पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार पूरी सख्ती से निगरानी रखेगी और आगे भी इसी तरह की कार्रवाई जारी रहेगी.