दिल्ली जल बोर्ड के सभी 37 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STP) का थर्ड पार्टी ऑडिट कराने का निर्णय लिया गया है. यमुना में प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से, दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने बुधवार को इस ऑडिट के लिए दिल्ली जल बोर्ड को निर्देशित किया. दिल्ली की भाजपा सरकार ने यमुना नदी(Yamuna River) को एक वर्ष के भीतर साफ करने का संकल्प लिया है. सरकार के गठन के बाद से 17 फरवरी से यमुना की सफाई के लिए मशीनों का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन इस कार्य में सबसे बड़ी बाधा राजधानी के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) हैं. दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (DPCC) की अप्रैल महीने की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के 36 में से 24 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नाले के पानी को मानकों के अनुसार साफ करने में असफल हैं.

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हाल ही में दिल्ली जल बोर्ड के सीवेज प्रबंधन विभाग के साथ हुई समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने जल मंत्री को सीवेज ट्रीटमेंट की मौजूदा क्षमता और उसके विस्तार एवं मरम्मत कार्यों की जानकारी दी. जल मंत्री ने सभी एसटीपी का थर्ड पार्टी ऑडिट कराने का निर्देश दिया. उन्होंने बताया कि दिल्ली के 37 एसटीपी में से 18 का अपग्रेडेशन किया जा रहा है, जबकि सोनिया विहार, दिल्ली गेट और ओखला में तीन नए प्लांट्स स्थापित होने से 47 मिलियन गैलन प्रति दिन की अतिरिक्त ट्रीटमेंट क्षमता प्राप्त होगी. जल मंत्री ने यह भी कहा कि वर्तमान में बड़ी मात्रा में बिना ट्रीट किए सीवेज यमुना में गिर रहा है.

जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने STP संचालकों के साथ की बैठक

दिल्ली में यमुना नदी और उससे जुड़े नालों में निर्धारित मात्रा से अधिक प्रदूषक प्रवाहित हो रहे हैं. इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, मंगलवार (22 अप्रैल) को दिल्ली सरकार के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के संचालकों के साथ एक बैठक की. बैठक में स्पष्ट रूप से चेतावनी दी गई कि यदि अगले कुछ महीनों में सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्धारित मानकों का पालन नहीं करते हैं, तो दिल्ली सरकार कठोर कार्रवाई करेगी.

40 फीसदी से ज्यादा STP तय मानकों का नहीं कर रहे पालन

दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने हाल ही में ओखला और कोरोनेशन पिलर STP का निरीक्षण किया. इस निरीक्षण में यह पाया गया कि कोरोनेशन पिलर STP पिछले कई महीनों से मानकों का पालन कर रही है, जबकि ओखला STP DPCC की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार सफाई के मानकों का उल्लंघन कर रही है. दिल्ली में STP की कार्यक्षमता एक पुरानी समस्या है, और पिछले छह वर्षों में औसतन 40 प्रतिशत से अधिक STP निर्धारित मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं. इस स्थिति को देखते हुए मंत्री ने सभी ट्रीटमेंट प्लांट्स का थर्ड पार्टी ऑडिट कराने के निर्देश भी दिए हैं.