कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। जीजा साले जैसे संवेदनशील और पवित्र रिश्ते को क्या सिर्फ पैसे के लिए तार तार किया जा सकता है। ऐसा ही एक मामला ग्वालियर के महाराजपुरा थाना क्षेत्र में सामने आया है। जहां एयरपोर्ट के पास बेंहटा चौकी के नजदीक शुक्रवार को हुए उपेंद्र यादव हत्याकांड मामले में पुलिस ने उसके जीजा और दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है। चार पांच जनवरी की दरम्यानी रात उपेंद्र यादव की गला घोंटकर हत्या की गई थी।
इस पूरे मामले में उसके जीजा भूरे उर्फ संजय यादव की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही थी। जीजा की नजर अपने माता-पिता के इकलौते बेटे उपेंद्र की संपत्ति पर थी। दुखद पहलू यह है कि उपेंद्र यादव के पिता जनकसिंह की भी करीब डेढ़ दशक पहले कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी। जीजा संजय उर्फ भूरे और उपेंद्र दोनों ही टेंट का व्यवसाय करते थे। 23 साल के उपेंद्र ललवारी गांव असवार भिंड का रहने वाला था। उसकी मौत के बाद संपत्ति पर बहनोई का हक होगा, यह सोचकर भूरे उर्फ संजय यादव सेंवढा, चाली राजा उर्फ मामा बुंदेला बल्देवगढ़ टीकमगढ़ और उमर मोहम्मद ग्राम बरेछा थाना सेंवढा दतिया ने मिलकर प्लाट दिखाने के बहाने कार में उपेंद्र को घटनास्थल बेंहटा चौकी के पास लेकर आए थे यहां उन्होंने रस्सी से गला घोटकर उपेंद्र की हत्या कर दी। मामले को एक्सीडेंट दिखाने के लिए उस पर अपनी कार से दो-तीन बार टक्कर भी मारी। तीनों ही आरोपियों के खिलाफ पूर्व में मामले दर्ज हैं। उमर मोहम्मद पूर्व में एक हत्या का आरोपी रहा है, जबकि चाली राजा उर्फ मामा बुंदेला के खिलाफ लड़की से छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज है।
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