सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। बिरगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डिलीवरी के बाद 12 घंटे बाद दर्द से कराहती प्रसूता की मौत हो गई. अपनी बेटी को ठीक से देख नहीं पाई प्रसूता की मौत के लिए ड्यूटी से नदारत डॉक्टर के साथ वार्ड ब्वॉय को जिम्मेदार बताते हुए परिजनों ने अस्पताल के साथ थाने में जाकर हंगामा मचाया.

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जानकारी के अनुसार, बिरगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के 12 घंटे बाद रात दो बजे वार्ड ब्वॉय के इंजेक्शन लगाने और पानी पिलाने के बाद प्रसूता साक्षी निषाद की मौत हुई. रात के समय अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था. परिजनों ने बताया कि 22 वर्षीय साक्षी निषाद डिलीवरी के बाद से लगातार दर्द की शिकायत कर रही थी. बार-बार बोलने के बाद भी वार्ड ब्वॉय डॉक्टर को नहीं बुला रहा था, आखिरकार दर्द से कराहते हुए प्रसूता की मौत हो गई.

मृतिका के पति दीपक निषाद ने रायपुर मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी और खमतराई थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपते हुए अपनी पत्नी की मौत का जिम्मेदार हॉस्पिटल प्रबंधन और तैनात कर्मचारियों को ठहराते हुए कार्रवाई करने की माँग की है.

दीपक निषाद ने कहा कि सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती पत्नी को प्रसूति के लिए भर्ती कराया. दोपहर लगभग 2 बजे मुझे लड़की हुई, उसके बाद रात को 2 बजे मेरी पत्नी की तबीयत बिगड़ने लगी. इस दौरान उपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों को लगातार बताया, लेकिन बार-बार स्वास्थ्य कर्मचारियों परेशान नहीं करने की बात करने की कहते रहे.

इधर पत्नी की तबीयत बिगड़ रही थी, उधर रात में ड्यूटी करने वाले डॉक्टर भी गायब थे. तबीयत बिगड़ते देख स्वास्थ्य कर्मचारी ने इंजेक्शन लगाया गया, जिसके पाँच मिनट बाद मेरी पत्नी की साँस फूलने लगी और आँख बंद हो गई. लगातार प्रयास के बाद उच्चाधिकारियों से बात हुई तो मेकाहारा हॉस्पिटल रेफ़र किया गया, जहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.