Reliance Facebook AI Company: रिलायंस इंडस्ट्रीज और फेसबुक (अब मेटा) ने मिलकर भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू किया है. दोनों दिग्गज कंपनियों ने मिलकर एक नई कंपनी बनाई है, जिसका नाम रखा गया है “रिलायंस एंटरप्राइज इंटेलिजेंस लिमिटेड (Reliance Enterprise Intelligence Limited – REIL)”.
रिलायंस ने शनिवार, 25 अक्टूबर को अपनी रेगुलेटरी फाइलिंग में इस जॉइंट वेंचर की आधिकारिक घोषणा की. कंपनी ने बताया कि इस साझेदारी के तहत शुरुआती निवेश के रूप में ₹855 करोड़ रुपये लगाए गए हैं. यह निवेश दोनों कंपनियों ने मिलकर किया है, जिसमें रिलायंस की 70% हिस्सेदारी होगी, जबकि बाकी 30% हिस्सेदारी फेसबुक (Meta Platforms Inc.) की होगी.
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कंपनी की संरचना और निवेश का ब्योरा
रिलायंस इंडस्ट्रीज की AI यूनिट ने शुरुआती चरण में ₹2 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इस निवेश से 20 मिलियन (2 करोड़) इक्विटी शेयर खरीदे गए हैं, जिनकी कीमत ₹10 प्रति शेयर रखी गई है.
यह नया जॉइंट वेंचर, रिलायंस इंटेलिजेंस लिमिटेड और फेसबुक की भारतीय इकाई के सहयोग से बनाया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य होगा भारत के कारोबार, उद्योगों और स्टार्टअप्स को AI-आधारित तकनीक से जोड़ना, जिससे वे अपने कामकाज को तेज़, स्मार्ट और किफायती बना सकें.
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कंपनी का लक्ष्य और काम करने का तरीका (Reliance Facebook AI Company)
रिलायंस ने इस साझेदारी का संकेत अपनी अगस्त 2025 की वार्षिक आम बैठक (AGM) में ही दे दिया था. अब इसे आधिकारिक रूप से अमल में लाया गया है.
REIL का मुख्य फोकस होगा:
- AI टूल्स और सर्विसेज तैयार करना, जो भारत के विभिन्न सेक्टर्स जैसे रिटेल, फाइनेंस, मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर और एजुकेशन में उपयोग किए जा सकें.
- मेटा के ओपन-सोर्स LLaMA मॉडल्स और रिलायंस के बिजनेस नेटवर्क का उपयोग कर भारतीय बाजार की जरूरतों के हिसाब से AI समाधान तैयार करना.
कंपनी फिलहाल दो प्रमुख उत्पादों पर काम करेगी:
- Enterprise AI Platform-as-a-Service: इसके जरिए भारत की कंपनियां अपने बिजनेस के अनुसार खुद के जनरेटिव AI मॉडल्स बना सकेंगी और उन्हें इस्तेमाल कर पाएंगी.
- Pre-Configured AI Solutions: यह पहले से तैयार सॉल्यूशंस होंगे, जो सेल्स, मार्केटिंग, IT ऑपरेशंस, कस्टमर सर्विस और फाइनेंस जैसे क्षेत्रों के लिए उपयोगी होंगे.
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मेटा देगा टेक्निकल सपोर्ट, रिलायंस संभालेगा नेटवर्क (Reliance Facebook AI Company)
इस साझेदारी में मेटा का रोल रहेगा, LLaMA-बेस्ड AI मॉडल्स बनाने में तकनीकी सहयोग देना. दूसरी ओर, रिलायंस अपने मजबूत डिजिटल नेटवर्क, क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर और भारत के लाखों छोटे-बड़े कारोबारों तक पहुंच का लाभ उठाएगा.
इन AI सेवाओं को क्लाउड, ऑन-प्रिमाइसेस और हाइब्रिड सिस्टम्स में इस्तेमाल किया जा सकेगा. इससे कंपनियों के ऑपरेशनल खर्च में कमी आएगी और उन्हें अधिक स्मार्ट बिजनेस सॉल्यूशंस मिलेंगे.
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कानूनी प्रक्रिया और सरकारी मंजूरी की स्थिति
रिलायंस इंडस्ट्रीज की रेगुलेटरी फाइलिंग में यह भी स्पष्ट किया गया है कि REIL का गठन रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन की श्रेणी में नहीं आता. यानी यह किसी निजी लाभ के उद्देश्य से नहीं किया गया है.
कंपनी ने यह भी बताया कि इस जॉइंट वेंचर को बनाने के लिए किसी अतिरिक्त सरकारी मंजूरी की आवश्यकता नहीं पड़ी.
भारत में AI के विकास की दिशा में बड़ा कदम (Reliance Facebook AI Company)
यह साझेदारी भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अगले स्तर पर ले जाने की क्षमता रखती है. रिलायंस की बिजनेस रीच और मेटा की टेक्नोलॉजी एक्सपर्टीज मिलकर भारतीय बाजार को एक नया डिजिटल भविष्य दे सकती हैं.
इस पहल से छोटे कारोबारों को भी AI का फायदा सस्ती और आसान सेवाओं के रूप में मिलेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि यह भारत को “AI-पावर्ड इकॉनमी” की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा सकता है.
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