रिलायंस रिटेल अब केवल ग्रॉसरी और फैशन तक सीमित नहीं रहना चाहता. IPO से पहले, कंपनी ने एक ऐसा गेमप्लान तैयार किया है जो ना सिर्फ ऑपरेशनल लेवल पर फायदेमंद है, बल्कि इंवेस्टर्स के लिए रिटर्न का अगला चक्र शुरू कर सकता है. इस बार दांव लगा है—लग्जरी ब्रांड्स के साम्राज्य को मेन रिटेल यूनिट में मिलाकर कॉस्ट-कटिंग से लेकर वैल्यूएशन तक की बाजी जीतने पर.

क्या है पूरा मामला?
रिलायंस ब्रांड्स लिमिटेड (RBL), जो पिछले एक दशक से Burberry, Armani, Bottega Veneta, Tiffany & Co. जैसे 85+ इंटरनेशनल लग्जरी ब्रांड्स का भारत में वितरण करता रहा है, अब इसे रिलायंस रिटेल की मुख्य कंपनी में मर्ज किया जा रहा है. यह कदम सीधे-सीधे ऑपरेशनल एफिशिएंसी, मार्जिन इम्प्रूवमेंट, और मिड-टू-हाई क्लास कंज्यूमर्स को सीधे टारगेट करने की दिशा में उठाया गया है.
FY25 में स्टोर्स बंद, लेकिन मुनाफे में जबरदस्त छलांग
रिलायंस ने FY25 में 2,155 स्टोर्स बंद किए—जो पिछली बार से दोगुने हैं. ये बंद स्टोर्स कमजोर परफॉर्मेंस वाले थे. कंपनी का फोकस अब “कम लेकिन दमदार” की नीति पर है. परिणाम- कंपनी ने FY25 में ₹2.90 लाख करोड़ की नेट रेवेन्यू और ₹12,392 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया. यानी—कम स्पेस, ज्यादा मार्जिन!
IPO से पहले क्यों है ये मर्जर इतना अहम?
इस मर्जर से रिलायंस रिटेल का ब्रांड पोर्टफोलियो और मजबूत होगा. निवेशकों को एक सिंपल स्ट्रक्चर दिखेगा जिसमें ग्रॉसरी, फैशन और लग्जरी ब्रांड्स सभी एक ही छत के नीचे होंगे. IPO की तैयारी में यह एक प्रॉफिट मैक्सिमाइजेशन स्ट्रैटेजी है, जिससे कंपनी की वैल्यूएशन बढ़ेगी. साथ ही डुप्लिकेट टीमें हटेंगी, और डिसीजन मेकिंग तेज होगी.
निवेशकों को क्या ध्यान रखना चाहिए?
फिलहाल रिटेल सेगमेंट RIL की कुल EBITDA में 15% योगदान दे रहा है, जो पहले 10% था. यानी ये सेगमेंट RIL की ग्रोथ मशीन बन चुका है. लेकिन कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि Luxury और Mass Retail को अलग-अलग चलाना लॉजिस्टिक्स, सोर्सिंग और प्राइसिंग के लिहाज से बेहतर हो सकता है.
गोविंद श्रीखंडे (पूर्व CEO, Shoppers Stop) का कहना है कि एक ही प्लेटफॉर्म पर इतने अलग-अलग कैटेगरी को ऑप्टिमाइज़ करना मुश्किल हो सकता है. फिर भी, एक सेंट्रलाइज़्ड लीडरशिप से फास्ट डिसीजनिंग और स्केल अप संभव है.
क्या ये सिर्फ कॉस्ट-कटिंग है या कुछ और?
नहीं, ये केवल खर्च घटाने की स्ट्रैटेजी नहीं है. रिलायंस इस फैसले से भारत में लग्जरी मार्केट को कब्ज़ा करने की तैयारी कर रहा है. जैसे-जैसे भारत में अपर मिडिल क्लास की इनकम और स्पेंडिंग बढ़ रही है, वैसे-वैसे लग्जरी रिटेल एक नया इंवेस्टमेंट ज़ोन बनता जा रहा है. रिलायंस इसे मिस नहीं करना चाहता.
IPO से पहले वैल्यूएशन बूस्ट की उम्मीद
रिलायंस रिटेल की प्रपोज्ड लिस्टिंग में निवेशकों को अब सशक्त बैलेंस शीट, और कॉस्ट एफिशिएंट स्ट्रक्चर देखने को मिलेगा. इस मर्जर से कंपनी का EV/EBITDA मल्टीपल बढ़ सकता है, जिससे IPO प्राइसिंग बेहतर होगी और लॉन्ग टर्म शेयरहोल्डर्स को फायदा मिलेगा.
क्या करें निवेशक?
अगर आप रिलायंस रिटेल के IPO का इंतजार कर रहे हैं, तो यह मर्जर आपके लिए एक स्ट्रॉन्ग सिग्नल है कि कंपनी अब पूरी तैयारी में है. लग्जरी सेगमेंट का मेनस्ट्रीम में आना, रिटेल सेक्टर में रिलायंस की डॉमिनेंस को और मजबूत करेगा. यह कदम भारत के प्रीमियम कंज्यूमर मार्केट पर कब्ज़ा जमाने की रिलायंस की लॉन्ग-टर्म प्लानिंग का हिस्सा है.
डिस्क्लेमर:
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है. निवेश करने से पहले संबंधित योजना की आधिकारिक वेबसाइट या किसी प्रमाणित वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना आवश्यक है. Lalluram.com या प्रकाशक इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी के आधार पर किए गए निवेश निर्णयों के लिए ज़िम्मेदार नहीं होंगे. निवेश से जुड़ा कोई भी निर्णय आपकी अपनी जोखिम क्षमता और समझदारी पर आधारित होना चाहिए.
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
- राजस्थान की खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक को क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें