रेणु अग्रवाल, धार। मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे लोगों और अस्पतालों के लिए राहतभरी खबर है. जिले के औद्योगिक क्षेत्र में बंद पड़े एक ऑक्सीजन प्लांट में बहुत जल्द ही ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू हो जाएगा. इससे ऑक्सीजन की कमी से होने वाली परेशानी से निजात मिलेगी. वहीं अब ऑक्सीजन की कमी से सभवत: किसी कोरोना मरीजों की जान नहीं जाएगी.

150 लोगों की टीम ने 24 घंटे काम कर 4 दिन की कड़ी मेहनत से तैयार किया
जानकारी के अनुसार जिले के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट को 150 लोगों की टीम ने 24 घंटे काम कर 4 दिन की कड़ी मेहनत से उत्पादन के लिए तैयार कर लिया है. तकनीशियनों ने 90 दिन में तैयार होने वाला ऑक्सीजन प्लांट को मात्र 4 दिनों में ही तैयार कर दिया है. प्लांट का ट्रायल प्रोडक्शन भी शुरू हो गया है. 24 घंटे शुद्धता जांच के बाद मंगलवार से 40 टन ऑक्सीजन रोज मिलने लगेगी.

करीब 40 टन ऑक्सीजन प्रतिदिन अब प्रदेशवासियों को मिलेगा

पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के सेक्टर 3 में तीन साल से बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट को शुरू किया गया है. वही प्लांट को चालू करने में 3 महीने का समय लग सकता था मगर 4 दिनों में ही 24 घंटे की कड़ी मेहनत और एकेविन के अधिकारियों की मदद से करीब 40 टन ऑक्सीजन प्रतिदिन अब प्रदेशवासियों को मिलेगा. प्लांट को शुरू करने में मुख्य भूमिका जिला प्रशासन और उद्योग विभाग की भूमिका रही है. सभी जरूरी मंजूरियां हाथों हाथ जारी की गईं, वहीं प्लांट तक सड़क भी बनाई गई.इसके लिए कंपनी के मालिक करण मित्तल ने 40 लाख रुपए खर्च किए.

प्लांट में 24 घंटे जिला प्रशासन के अफसर तैनात रहेंगे

मुंबई से ऑक्सीजन मीटर और अहमदाबाद से दूसरी मशीनें मंगवाई गईं. प्लांट हेड निर्मल कुमार तोमर ने बताया 150 लोगों की टीम की मदद से 90 दिन का काम मात्र 4 दिन में करके ऑक्सीजन प्लांट को कंप्लीट किया गया है. हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती थी करीब तीन साल से बंद पड़े प्लांट को शुरू करना. हमारे टेक्नीशियन द्वारा सर्वे किया गया. उसके बाद अहमदाबाद और मुंबई से टेक्नीशियन बुलाएं गए. 150 लोगों की मदद से प्लांट को शुरू कर दिया गया है. पहली शुरुआत में प्लांट को ट्रायल किया गया है और अब मंगलवार से हम लोग ऑक्सीजन के करीब 3000 सिलेंडर प्रतिदिन देना शुरू कर देंगे. प्लांट में 24 घंटे जिला प्रशासन के अफसर तैनात रहेंगे ताकि 9 राज्यों को ऑक्सीजन को सप्लाई की जा सके.