देहरादून। उत्तराखंड के केदारघाटी में राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। SDRF, NDRF एवं अन्य बचाव दलों ने हजारों तीर्थयात्रियों को सुरक्षित तरीके से आपदा प्रभावित क्षेत्रों से निकाल लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग खुद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मौसम साफ होने का साथ ही केदार घाटी में आज सोमवार केंद्र सरकार के भेजे गए MI 17 और चिनूक के जरिए रेस्क्यू फिर से शुरू हो चुका है। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार हर संभव मदद कर रही है।
प्रदेश में बारिश और बादल फटने से हाहाकर मच गया। वहीं रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ मार्ग में कई जगह रास्ता बंद है। फंसे हुए चारधाम यात्रियों का रेस्क्यू किया जा रहा है। अब तक 7000 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। सीएम धामी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर लिखा- मौसम साफ होने के साथ ही केदार घाटी में आज केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए MI 17 और चिनूक के माध्यम से रेस्क्यू फिर से शुरू हो चुका है, स्वयं भी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहा हूं। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। आज शुरू हुए ऑपरेशन में अभी तक 133 लोगों को सुरक्षित एयर लिफ्ट कर रेस्क्यू किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि रेस्क्यू किए जा रहे तीर्थ यात्रियों का गौचर हेलीपैड पर स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें प्राथमिक उपचार भी दिया जा रहा है। मौसम साफ होने के साथ ही केदार घाटी में आज केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए MI 17 और चिनूक के माध्यम से रेस्क्यू फिर से शुरू हो चुका है, स्वयं भी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहा हूं। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। आज शुरू हुए ऑपरेशन में अभी तक 133 लोगों को सुरक्षित एयर लिफ्ट कर रेस्क्यू किया जा चुका है।
इससे पहले सीएम पुष्कर धामी ने पोस्ट कर कहा कि ‘यही तो है देवभूमि की ‘अतिथि देवो भव:’ की संस्कृति..केदारनाथ क्षेत्र में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में प्रशासन को स्थानीय लोगों का पूर्ण सहयोग प्राप्त हो रहा है। ग्राम प्रधान चौमासी श्री मुलायम सिंह तिंदोरी जी, सोनप्रयाग व्यापार मंडल के अध्यक्ष श्री अंकित गैरोला जी, श्री धर्मेश नौटियाल जी (शेरसी), श्री दीर्घायु गोस्वामी जी (गौरीकुंड), पूर्व प्रधानगण, समस्त ग्रामवासी, घोड़ा-खच्चर संचालक, BKTC के पदाधिकारी एवं सदस्य, तीर्थ पुरोहित समाज, GMVN के कर्मचारीगण भी बढ़ चढ़कर स्थानीय प्रशासन के साथ बचाव कार्यों में जुटे हैं। आप सभी लोगों के अथक प्रयासों का ही परिणाम है कि अतिवृष्टि की वजह से होने वाले बड़े नुकसान को रोका जा सका है। आप सभी का हृदय की गहराइयों से आभार। जय हिन्द, जय उत्तराखण्ड।’- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
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