भोपाल। मध्यप्रदेश में शनिवार से ‘धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020’ को राजपत्र में अधिसूचित कर दिया गया है. इसके बाद से अब यह कानून राज्य में प्रभावी हो गया है. इस कानून के लागू होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने एक ट्वीट किया है.

उन्होने अपने ट्वीट में कहा- मध्यप्रदेश में एक नए युग का प्रारंभ! आज हम ने ‘धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020’ को अधिसूचित कर दिया गया है. हम हमारी बेटियों की सुरक्षा और भविष्य के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे. बेटियाँ सशक्त होंगी और #AatmaNirbharMP के निर्माण में योगदान देंगी. 

इस विधेयक में धर्म छिपाकर (कथित लव जिहाद) शादी के अपराध में तीन साल से 10 साल तक के कारावास और 50 हजार रुपये के दंड का प्रावधान है. सामूहिक धर्म परिवर्तन का प्रयास करने पर पांच से 10 साल तक की कैद और एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

नाबालिग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के साथ ऐसा अपराध करने पर दो से 10 साल तक की कैद और कम से कम 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

यही नहीं विधेयक में अपनी इच्छा से धर्म संपरिवर्तन करने वाले या कराने वाले व्यक्ति को 60 दिन पहले जिला दंडाधिकारी सूचित किया जाना अनिवार्य किया गया है. ऐसा नहीं करने पर कम से कम तीन से पांच साल की कैद और कम से कम 50 हजार रुपए के अर्थदंड का प्रावधान है.